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पीड़िता की आवाज सुनने की जगह उन्हीं को बदनाम करना बुजदिल हरकत है- प्रियंका गांधी

देश के किसी कोने में महिला पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं लेकिन फिर भी सरकार इनके लिए कोई सख्त कदम नहीं उठा रही हैं. देशभर में महिला के खिलाफ हो रही आपराधिक घटनाओं को लेकर कांग्रेस ने आवाज बुलंद करते हुए सोशल मीडिया पर एक कैंपेन की शुरुआत की है.

Updated on: 12 Oct 2020, 12:59 PM

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुई दरिंदगी ने पूरे देश को हिला के रख दिया है. घटना के इतने दिन बाद भी लोग उसे भूला नहीं पा रहे हैं. वहीं पूरे देश में महिला से जुड़े अपराध हर दिन बढ़ते ही जा रहे हैं. देश के किसी कोने में महिला पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं लेकिन फिर भी सरकार इनके लिए कोई सख्त कदम नहीं उठा रही हैं. देशभर में महिला के खिलाफ हो रही आपराधिक घटनाओं को लेकर कांग्रेस ने आवाज बुलंद करते हुए सोशल मीडिया पर एक कैंपेन की शुरुआत की है.

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वहीं सोमवार को प्रियंका गांधी ने यूपी की योगी सरकार पर हमला बोलते हुए ट्विटर पर लिखा, 'महिलाओं पर अपराध बढ़ रहे हैं. इस बीच, पीड़ित महिलाओं की सच्चाई और उनकी आवाज को सुनने की बजाए उन्हीं को बदनाम कराना, उन्हीं पर आरोप लगाना सबसे शर्मनाक और बुज़दिल हरकत है. लेकिन देश की महिलाएँ अब चुप नहीं रहेंगी.'

उन्होंने आगे लिखा, ' एक बहन को दोषी ठहराया तो लाखों बहनें अपनी आवाज बुलंद करेंगी और उनके साथ खड़ी होंगी. हम अपना ज़िम्मा खुद ले रहे हैं. अब महिलाओं को ही महिला सुरक्षा का जिम्मा उठाना होगा.'


बता दें कि इससे पहले  कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा था कि लड़की के चरित्र को धूमिल करने और उसके खिलाफ हुए अपराध के लिए किसी न किसी तरह उसी को जिम्मेदार ठहराने के मकसद से एक विमर्श पैदा किया जाना घिनौना और प्रतिगामी है. कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी कहा कि हाथरस में वीभत्स अपराध किया गया, जिसमें 20 साल की लड़की की मौत हो गई. उसके शव को परिवार की सहमति या उनकी मौजूदगी के बिना जला दिया गया. वह बदनामी नहीं, न्याय की हकदार है.

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हाथरस जिले के एक गांव में गत 14 सितंबर को 19 वर्षीय एक दलित युवती से कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया गया था. चोटों के चलते गत मंगलवार सुबह दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता की मौत हो गई. इसके बाद रातोंरात उसके शव का दाह-संस्कार कर दिया गया. परिवार का आरोप है कि स्थानीय पुलिस प्रशासन ने उनकी सहमति के बगैर देर रात पीड़िता के शव का जबरन दाह-संस्कार कर दिया.