New Update
/newsnation/media/post_attachments/images/2020/10/10/hathras-naxal-38.jpg)
Hathras case ( Photo Credit : (सांकेतिक चित्र))
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
Hathras case ( Photo Credit : (सांकेतिक चित्र))
उत्तर प्रदेश के हाथरस मामले में हर दिन एक नया एंगल सामने आ रहा है. हाथरस पर मचे सियासी घमासान के बीच योगी सरकार ने इस मामले में सख्त कार्रवाई और जांच के निर्देश दिए थे. एसआईटी की टीम हाथरस मामले से जु़ड़े हर पहलू की जांच कर रही हैं. इस दौरान शनिवार को एक बहुत बड़ा खुलासा हुआ है. हाथरस के केस में अब नक्सल कनेक्शन की बात भी सामने आ रही है. इस ने खुलासे ने हर किसी को दंग कर के रख दिया हैं. बताया जा रहा है कि संदिग्ध नक्सली महिला पीड़ित परिवार के घर में भाभी बनकर रह रही थी और वहीं से साजिश रच रही थी.
और पढ़ें: हाथरस मामले में पुलिस ने किए कई अहम खुलासे, परिवार को भड़काने की रची जा रही थी साजिश
हाथरस कांड में सूत्रों के हवाले से मिली खबर के मुताबिक, एजेंसियों के नि़शाने पर आई जबलपुर की महिला एक्टिविस्ट नाम के आगे डॉ लिखती है और वो 16 सितंबर से परिवार का हिस्सा बन कर रह रही थी. कोविड का बहाना कर के चेहरा ढक कर परिवार की सदस्य बनकर कई न्यूज चैनल को इंटरव्यू दिया, जिसमें कई भड़काऊ बातें की.
इसके साथ ही गांव वालों को भी फर्जी अफवाहों के जरीए भड़काने का काम किया. पुलिस की जांच शुरू होते ही वो लापता हो गई. फिलहाल यूपी पुलिस इस नकली भाभी की तलाश में जुट गई हैं.
वहीं हाथरस मामले में आरोपियों से पूछताछ के लिए एसआईटी आज अलीगढ़ जेल जा सकती है. इसके साथ ही हाथरस कांड में घटना के दिन से लेकर अंतिम संस्कार के दिन तक जुड़े पुलिस कर्मियों से भी पूछताछ हो रही हैं. एसआईटी अबतक अब तक 125 से ज्यादा कलमबंद बयान ले चुकी हैं. इसके अलावा एसआईटी की टीम सभी से पूछताछ के बाद रिक्रिएशन के लिए गावं भी जा सकती हैं.
बता दें कि हाथरस कांड के बहाने यूपी में जातीय दंगे भड़काने की साजिश रची गई थी, जिसमें पीएफआई और एसडीपीआई जैसे संगठन शामिल थे. ये संगठन सीएए के खिलाफ हिंसा में शामिल थे. इन संगठनों ने हाथरस कांड के बहाने यूपी में भी हिंसा फैलाने के लिए वेबसाइट तैयार कराने में अहम भूमिका रची गई.
गौरतलब है कि 14 सितंबर को हाथरस के एक गांव में पीड़िता के साथ गैंगरेप का आरोप लगा. इलाज के 15 दिन बाद पीड़िता की मौत हो गई. पुलिस ने आधी रात में ही पीड़िता का दाह संस्कार कर दिया. इसके बाद यह मामला तूल पकड़ता गया. इस घटना ने सियासी रंग ले लिया. पीड़िता के परिवार को सुरक्षा देने की मांग उठी. इधर जांच के दौरान पीएफआई का नाम आया है. पुलिस ने इस मामले में केरल के एक पत्रकार को गिरफ्तार किया है. पुलिस को जांच के दौरान भीम आर्मी और पीएफआई के इस मामले में संलिप्त होने के संकेत मिले हैं. अब पुलिस ने दोनों की मिलीभगत को लेकर जांच शुरू कर दी है.