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Hathras case ( Photo Credit : (सांकेतिक चित्र))
उत्तर प्रदेश के हाथरस मामले में हर दिन एक नए खुलासे हो रहे हैं. पीड़ित परिवार के सहारे विपक्षी पार्टियां राज्य में एक गहरा साजिशा रचने की तैयारी में थी, सूत्रों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में हाथरस की घटना को लेकर दाखिल हलफनामे में यूपी ने कहा है कि पीड़िता की मौत के बाद कई पॉलिटिकल पार्टी के नेता तुरंत सफदरजंग हॉस्पिटल पहुंचे थे. साजिश के तहत पीड़िता के परिवार को भड़काने की कोशिश की थी कि परिवार शव को तब तक स्वीकार ना करें, जब तक कि उनकी सभी डिमांड ना मान ली जाएं.
साथ ही सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने रिपोर्ट में पुलिस ने ये भी कहा है कि 29 सितंबर को वाल्मीकि समाज के संघठन, भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता हाथरस में इकट्ठा हुए थे और हिंसा फैलाने की पूरी तैयारी कर ली थी,
पुलिस ने कोर्ट में दाखिल अपनी रिपोर्ट में ये भी कहा है कि इन सभी संघठनों की साजिश ये भी थी कि जब पीड़िता का शव हाथरस आए तो उसका अंतिम संस्कार ना करके, शव को सड़क पर रखकर उग्र प्रदर्शन किया जाए और पथराव किया जाए, ट्रेनों को भी पर्दर्शन के दौरान जलाने की साजिश थी.
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गौरतलब है कि हाथरस के बुलगड़ी गांव में दलित किशोरी के साथ 14 सितंबर को कथित तौर पर ऊंची जाति के लोगों ने गैंगरेप किया था. युवती की 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई थी. मौत के बाद परिजनों की रजामंदी के बिना लड़की का अंतिम संस्कार पुलिस ने जबरन रात में करा दिया था, जिसके बाद मामले ने और तूल पकड़ लिया था. प्रधानमंत्री मोदी ने भी सीएम योगी से फोन पर बात कर मामले में सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे.
हाथरस कांड में 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर गया है. मामले में कई बड़े पुलिस अधिकारियों पर गाज गिर चुकी है. सरकार ने 2 अक्टूबर को हाथरस के पुलिस अधीक्षक (एसपी), पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी), स्टेशन इंस्पेक्टर और कुछ अन्य अधिकारियों को निलंबित कर दिया था.
Source : News Nation Bureau