हिंदी को बढ़ावा देने के लिए अब कुछ अनोखी पहल होने जा रही है. इसके लिए वाराणसी के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ने नई पहल की है. बीएचयू अपने सभी विभागों के लिए एक ऐसी योजना लेकर आया है जहां प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पाने वालों को पुरस्कृत किया जाएगा.बीएचयू के छात्रों, रिसचर्स और प्रोफेसर्स को ज्यादातर सूचनाएं, नोटिस, आदेश और अध्ययन-अध्यापन के मटेरियल हिंदी में मिलेंगे. बीएचयू ने प्रोत्साहन योजना लागू कर हिंदी पर एक टारगेट तय कर दिया है.
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में अब हिंदी के उत्थान के लिए सभी विभागों और कार्यालयों में हर साल 20 हजार से ज्यादा हिंदी शब्द लिखने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को सम्मानित किया जाएगा. इन्हें इनाम स्वरूप पैसे भी दिए जाएंगे. फिलहाल ज्यादातर बड़े आदेश अंग्रेजी में ही जारी होते हैं. इससे हिंदी क्षेत्र के छात्रों को तेजी से समझने में मुश्किल आती है जिसे विश्वविद्यालय के प्रोफेसर भी अच्छी पहल मानते हैं.
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पहले स्थान पर आने वाले दो लोगों को 5 हजार रुपये
विश्वविद्यालय के विभागों और कार्यालयों में हिंदी के कार्यों के मूल्यांकन के लिए कुलपति कमेटी गठित हुई है. पहले स्थान पर आने वाले दो लोगों को 5 हजार रुपये, दूसरे स्थान वाले तीन प्रतिभागियों को 3 हजार रुपये और तीसरे स्थान के पांच लोगों को 2 हजार रुपये और प्रमाणपत्र दिए जाएंगे. बीएचयू ने सभी संस्थानों के निदेशक, डीन, साउथ कैंपस, केंद्रों, सेंट्रल लाइब्रेरी, स्कूलों, अधिकारियों के लिए अधिसूचना जारी कर दी है.
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हिंदी का उपयोग इनमें भी धीरे-धीरे शुरू
विश्वविद्यालय के विभागों के नोटिस बोर्ड पर अभी भी अधिकतर नोटिस भी अंग्रेजी में नजर आ रहे हैं. हालांकि हिंदी का उपयोग इनमें भी धीरे-धीरे शुरू हो रहा है. अगर यहां भी हिंंदी में सूचनाएं आना शुरू होंगी तो फिर हिंदी में काम करने वालों को बहुत ही ज्यादा प्रोत्साहन मिलेगा और यह पहल प्रभावी हो जाएगी.