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UP की हेल्थ व्यवस्था पर केंद्रीय मंत्री ने उठाए सवाल, बोले-'अफसर फोन नहीं उठा रहे'

केंद्रीय मंत्री और बरेली से सांसद संतोष गंगवार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर अपने संसदीय क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर चिंता जताई है. गंगवार ने सीएम को लिखे पत्र में बरेली के चिकित्सा विभाग के अधिकारियों पर आरोप लगाया है.

Updated on: 09 May 2021, 08:20 PM

highlights

  • यूपी की स्वास्थ्य व्यवस्था पर केंद्रीय मंत्री ने उठाए सवाल,
  • केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने लिखा योगी को पत्र
  • बरेली के सांसद ने अधिकारियों के फोन न उठाने की शिकायत की

लखनऊ:

केंद्रीय मंत्री और बरेली से सांसद संतोष गंगवार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर अपने संसदीय क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर चिंता जताई है. गंगवार ने सीएम को लिखे पत्र में बरेली के चिकित्सा विभाग के अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि वे फोन नहीं उठा रहे हैं. सीएम योगी को लिखे पत्र में गंगवार ने कहा है कि ऐसे मामले सामने आ रहे हैं कि रेफर किए जाने के बाद भी मरीज जब सरकारी अस्पताल में जा रहा है तो उससे दोबारा जिला अस्पताल से रेफर कराकर आने को कहा जा रहा है. इससे कई मरीजों की हालत और बिगड़ जा रही है. उन्होंने इसे लेकर चिंता जताई है और कहा है कि संक्रमित मरीज को कम से कम समय रेफरल अस्पतालों में भर्ती किया जाए.

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श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार संतोष गंगवार ने योगी को पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने सरकार को कुछ बिंदुओं पर सलाह दी है. इसी पत्र में उन्होंने लिखा है कि प्रशासन के अधिकारी फोन नहीं उठाते हैं. उन्होंने लिखा, 'एक सुझाव भी है जिसमें शिकायत भी है कि बरेली में मेडिकल से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण अधिकारी अपने फोन नहीं उठाते हैं, जिससे मरीजों को काफी असुविधा हो रही है. श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि मध्य प्रदेश मे एमएसएमई के अंतर्गत आने वाले सभी उद्योगों को सरकार पचास प्रतिशत छूट उन अस्पतालों को दी रही है जो ऑक्सिजन प्लांट लगाना चाहते हैं.

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संतोष गंगवार ने कहा कि इसी तर्ज पर बरेली में भी कुछ प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों को पचास प्रतिशत छूट दी जाए. उन्होंने यह भी मांग की है कि मल्टी पैरामॉनीटर, बायोपैक मशीन, वेंटीलेटर और अन्य जरूरी उपकरण जो कोरोना की बीमारी से रूरी हैं लेकिन व्यापारी उन्हें डेढ़ गुना रेट पर बेच रहे हैं. इनके रेट सरकार फिक्स करे. वहीं एमएसएमई रिजस्टर्ड प्राइवेट अस्पतालों को छूट भी दी जाए.