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Tomatoes (Freepik)
क्या बिना मिट्टी के टमाटर उगाए जा सकते हैं? आप कहेंगे बिल्कुल नहीं. पर ऐसा हो सकता है. उत्तर प्रदेश के किसान बिना मिट्टी की मदद के चैरी टोमैटो की खेती कर पाएंगे, ये संभव हो पाया है जापानी नई तकनीक आईमैक फिल्म फार्मिंग से. कानपुर के चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसएयू) में इस तकनीक से किए गए प्रयोग के शानदार परिणाम आए हैं. वैज्ञानिकों ने बताया कि भविष्य में किसान इस तकनीक से टमाटर और दूसरी सब्जियां उगाकर अपनी आमदनी कई गुना बढ़ा सकेंगे.
जापानी तकनीक ने दिया शानदार परिणाम
सीएमए विवि के शाकभाजी विभाग में एक साल पहल इस तकनीक पर रिसर्च शुरू हुआ था. कृषि वैज्ञानिक डॉ. राजीव ने कहा कि जापान से सीखा गया और अब इसे अपने फार्मिंग एरिया में लागू किया. खास बात है कि इस तकनीक में मिट्टी का काम नहीं पड़ा. बावजूद इसके चेरी टोमैटो की अच्छी खासी फसल तैयार हो गई. हाल ही में सीएम योगी के आर्थिक सलाहकार डॉ. केवी राजू ने विश्वविद्यालय का दौरा किया था. इस दौरान, उन्होंने खेती देखी और इसे किसानों के लिए बहुत उपयोगी कहा.
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75 प्रतिशत कम पानी में भी तैयार हो जाती है फसल
डॉ. राजीव ने कहा कि आईमैक फिल्म फार्मिंग जनरल हाइड्रोपोनिक्स से अधिक कारगार है. इस तकनीक में 75 प्रतिशत तक पानी लगता है, जिस वजह से कम पानी वाले इलाके, पथरीले इलाके और रेगिस्तान में भी इसकी खेती हो सकती है. जापान में इसके साथ गाबा यौगिक का इस्तेमाल होता है, जिस वजह से पौधों पर किसी भी प्रकार का तनाव नहीं होता. इससे न तो पौधे मुरझाते हैं और न ही उनमें कोई अन्य समस्या आती है. इस तरीके से उगने वाले टमाटर अन्य टमाटरों के मुकाबले ज्यादा मीठे और स्वादिष्ट होते हैं.
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किसानों की आमदनी बढ़ने की उम्मीद है
वैज्ञानिकों का कहना है कि इस टेकनीक से किसानों की आमदानी में इजाफा होगा. क्योंकि पानी का खर्चा इसमें कम होता है और न ही उपजाऊ मिट्टी की जरूरत होती है. स्वाद और क्वालिटी भी इसकी अन्य टमाटर के मुकाबले अच्छी है, जिससे उन्हें इसका अच्छा भाव मिल सकता है. इससे किसानों की आमदनी भी बढ़ने की उम्मीद है.
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