उत्तर प्रदेश के बहराइच में महात्मा गांधी के सपनों का तानाबाना बुनने वाले वह किसान जो रेशम कीट से रेशम कोया उत्पादन करके धागा तैयार करते है उन्हें सरकार ने नई सौगात दी है. सरकार ने धागा बनाने वाली मशीन किसानों को दी है. इस मशीन से न सिर्फ उच्च क्वालिटी का धागा तैयार होगा जिससे किसानों की आय बढ़ेगी बल्कि अब किसानों का श्रम भी कम खर्च होगा. 46 लाख की लागत कि यह मशीन रेशम विभाग के कल्पीपारा कार्यालय में स्थापित की गई है जहाँ किसानों का समूह अपना कोया लाकर खुद धागा निकाल सकता है. अनुमान है कि इससे किसानों की आमदनी ढाई गुना तक बढ़ जाएगी.
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राजकीय रेशम फार्म कल्पीपारा पर स्थापित नवीन धागाकरण मशीन का मुख्य विकास अधिकारी अरविन्द चैहान ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ फीता काटकर उद्घाटन किया. इस अवसर पर श्री चैहान ने मौजूद धागाकरण का कार्य करने वाली महिलाओं व अन्य उपस्थित लोगों को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं वर्षगांठ की बधाई देते हुए कहा कि नवीन धागाकरण मशीन जनपद के कृषकों की आय में वृद्धि के नये मार्ग प्रशस्त करेगी.
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मशीन की स्थापना से जहां एक ओर कृषकों के स्वतः रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे वहीं दूसरी ओर उनकी आय में 2 से 3 गुना वृद्धि होगी. सीडीओ मौजूद महिलाओं को सुझाव दिया कि कोया से धागा निकालकर समूह के रूप में एक कुटीर उद्योग की स्थापना करने से आप सभी को अधिक लाभ प्राप्त होगा. उन्होंने कहा कि रेशम धागे की अत्यधिक मांग को देखते हुए कृषक अन्य फसलों के साथ इसे भी एक उद्योग के रूप में अपनाकर अपनी आय में गुणात्मक वृद्धि कर सकते हैं.
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सहायक निदेशक एस.बी. सिंह ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए निर्धारित वार्षिक लक्ष्य 207985.00 कि.ग्रा. के सापेक्ष सितम्बर तक 64250.00 कि.ग्रा. कोया उत्पादन हुआ है. चालू वर्ष में उच्च गुणवत्तायुक्त 7.50 लाख शहतूत पौध का रोपण 328 कृषकों के यहां किया गया है. इस वर्ष 5215 रेशम कोया उत्पादकों के माध्यम से कृषकों को रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा. उन्होंने बताया कि रेशम फार्म नगरौर में स्थापित बीजागार के द्वारा सितम्बर तक 4.03 लाख डी.एफ.एल्स. रेशम कीट बीज के उत्पादन द्वारा 18 जनपदों को आपूर्ति किया जा रहा है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो