Advertisment

कफील खान मुद्दे पर योगी सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर गोरखपुर के डॉक्टर कफील खान के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को रद्द करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है.

author-image
Dalchand Kumar
New Update
Gorakhpur Oxygen Lacking Case

कफील खान मुद्दे पर योगी सरकार ने HC के आदेश को SC में चुनौती दी( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर गोरखपुर के डॉक्टर कफील खान के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को रद्द करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है. डॉ. खान पर यह कानून नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ एक कथित भाषण को लेकर लागू किया गया था. हाईकोर्ट ने 1 सितंबर को अपने आदेश में कहा था कि उत्तर प्रदेश के डॉक्टर कफील खान की नजरबंदी 'गैरकानूनी' थी.  कोर्ट के अनुसार, डॉक्टर के भाषण में नफरत या हिंसा को बढ़ावा देने जैसा कोई प्रयास नहीं नजर आया.

यह भी पढ़ें: 14 दिसंबर को देशव्यापी प्रदर्शन के बीच किसानों की भूख हड़ताल 

उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि डॉ. खान का आपराधिक इतिहास रहा है, जिसके कारण अनुशासनात्मक कार्रवाई, सेवा से निलंबन, पुलिस मामलों का पंजीकरण और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत आरोप लगाया गया था. डॉ. खान पर पिछले साल के अंत में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में एक सभा में सीएए के खिलाफ दिए गए उनके भाषण के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत आरोप लगाया गया था.

गोरखपुर के डॉक्टर को 29 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था.  वहीं उन पर धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच नफरत को बढ़ावा देने के लिए आरोप लगाया गया था और इस साल 10 फरवरी को जमानत दिए जाने के बाद एनएसए के तहत आरोप लगाए गए थे.

यह भी पढ़ें: मुजफ्फरनगर में 7 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म मामले में 2 गिरफ्तार 

डॉ. खान को मथुरा की एक जेल से रिहा किए जाने के बाद उन्होंने कहा था कि वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कहेंगे कि वे राज्य की चिकित्सा सेवाओं में उन्हें वापस नौकरी दें. गौरतलब है कि साल 2017 में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज से उन्हें निलंबित कर दिया गया था.  दरअसल सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन सिलिंडर की कमी के कारण कई बच्चों की मौत हो गई थी, जिसके बाद उन पर कार्रवाई की गई थी.

हालांकि विभागीय जांच में डॉ. खान पर लगे आरोपों को बाद में खारिज कर दिया गया था, लेकिन उनका निलंबन रद्द नहीं किया गया.  इसके बाद उन्होंने संशोधित नागरिकता कानून को लेकर अलीगढ़ में कथित रूप से भड़काऊ भाषण दिया और मुसीबतों से घिर गए. एनएसए के तहत सरकार उन लोगों को हिरासत में ले सकती है, जिन पर उन्हें संदेह है कि वे सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित कर सकते हैं या भारत की सुरक्षा को खतरे में डाल सकते हैं या फिर विदेशों के साथ उनके संबंध हो सकते हैं.  इस कानून के तहत सरकार आरोपी को बिना कोर्ट में चार्ज लगाए एक साल तक हिरासत में रख सकती है. 

Source : IANS

Supreme Court कफील खान Yogi Adityanath सुप्रीम कोर्ट Dr Kafeel Khan
Advertisment
Advertisment
Advertisment