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केजीएमयू में अगस्त से शुरू हो सकता है पहला सामुदायिक रेडियो स्टेशन

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में सामुदायिक रेडियो स्टेशन की शुरूआत अगस्त माह से होने की उम्मीद है और इसके लिए फ्रीक्वेंसी आवंटित की जा चुकी है.

Updated on: 13 Jun 2020, 03:21 PM

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU - केजीएमयू) में सामुदायिक रेडियो स्टेशन की शुरूआत अगस्त माह से होने की उम्मीद है और इसके लिए फ्रीक्वेंसी आवंटित की जा चुकी है. संस्थान के शताब्दी भवन फेज-2 की आठवीं मंजिल पर सामुदायिक रेडियो स्टेशन के लिये भवन का लोकार्पण भी किया जा चुका है . भारत सरकार ने इस रेडियो स्टेशन के लिए 89.6 मेगाहर्ट्ज फ्रीक्वेंसी आवंटित की है और यह देश के किसी भी चिकित्सा संस्थान द्वारा प्रसारित किया जाने वाला पहला सामुदायिक रेडियो स्टेशन होगा.

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इस रेडियो स्टेशन में समाचारों, प्रेरणादायक गानों एवं अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रसारण हिन्दी, अंग्रेजी और अवधी भाषा में किया जाएगा. इसे 30 किलोमीटर के दायरे में सुना जा सकेगा. यह रेडियो स्टेशन शुरूआत में शाम पांच बजे से रात नौ बजे तक सेवाएं देगा. इसके बाद स्टेशन से हर रोज 12 घंटे तक कार्यक्रमों के प्रसारण की योजना है. संस्थान के अधिकारी पिछले तीन साल से प्रयास कर रहे थे कि केजीएमयू का अपना एक सामुदायिक रेडियो स्टेशन हो. उनके प्रयास अंतत: रंग लाए और केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों से इस रेडियो की स्थापना के लिए हरी झंडी मिल गई.

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने सर्जरी विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर विनोद जैन को इसका कार्यकारी अधिकारी बनाया है . प्रो. विनोद जैन ने शनिवार को 'भाषा' को बताया कि इस रेडियो स्टेशन के जरिए संस्थान के प्रोफेसर और डॉक्टर संक्रामक रोगों से बचाव के उपायों के साथ ही जीवनशैली और दिनचर्या में बदलाव के जरिए स्वस्थ बने रहने की जानकारी देंगे.

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इसके जरिए यह बताया जाएगा कि विभिन्न बीमारियों के उपचार की सुविधा कहां-कहां उपलब्ध है. छोटी-मोटी बीमारियों को ठीक करने के देसी उपाय और घरेलू नुस्खे भी बताए जाएंगे. उन्होंने बताया कि विशेषज्ञों के इंटरव्यू, समाचार, केजीएमयू द्वारा दी जा रही सुविधाएं और भविष्य की योजनाएं, विशेषज्ञों के व्याख्यान और अन्य संबंधिक कार्यक्रम भी इस रेडियो की प्रसारण सूची का हिस्सा होंगे.

इसके अलावा प्रेरक गीत-संगीत और धार्मिक कार्यक्रम भी प्रसारित किए जाएंगे. जैन ने बताया कि दो महीने में रेडियो के लिए आधारभूत ढांचा तैयार करने के साथ ही आउटसोर्सिंग के जरिए तकनीकी स्टाफ की भर्ती की जाएगी.