कानपुर: विकास दुबे के गांव में मिले 7 देसी बम, पुलिस ने किए निष्क्रिय

कानपुर पुलिस ने बताया कि चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में विकास दुबे का साथी दयाशंकर अग्निहोत्री जिस सरकारी राशन की दुकान का मालिक है, उससे 7 देसी बम बरामद किए गए हैं.

कानपुर पुलिस ने बताया कि चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में विकास दुबे का साथी दयाशंकर अग्निहोत्री जिस सरकारी राशन की दुकान का मालिक है, उससे 7 देसी बम बरामद किए गए हैं.

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Dalchand Kumar
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कानपुर: विकास दुबे के गांव में मिले 7 देसी बम, पुलिस ने किए निष्क्रिय( Photo Credit : फाइल फोटो)

कुख्यात अपराधी व कानपुर (Kanpur) के बिकरू गांव में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या का मुख्य आरोपी विकास दुबे शुक्रवार सुबह कानपुर के भौती इलाके में कथित पुलिस मुठभेड़ में मारा गया. उज्जैन से कानपुर लाते समय हुए सड़क हादसे में एक पुलिस वाहन के पलटने के बाद दुबे ने भागने का प्रयास किया, जिसके बाद हुई मुठभेड़ में वह मारा गया. उधर पुलिस ने विकास दुबे (Vikas Dubey) के गांव में तलाशी अभियान के दौरान उसके साथी की दुकान से 7 देसी बम बरामद किए हैं. बिकरु गांव में आज पुलिस को पड़ताल के दौरान पंचायत भवन से 7 देसी बम मिले. इसके बाद हड़कंप मच गया पंचायत भवन से 7 देसी बमों को पुलिस की टीम ने अपने कब्जे में लेते हुए इनको निष्क्रिय किया. इसके बाद पुलिस ने पूरे गांव में चप्पे-चप्पे की तलाशी की.

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कानपुर पुलिस ने बताया कि चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में विकास दुबे का साथी दयाशंकर अग्निहोत्री जिस सरकारी राशन की दुकान का मालिक है, उससे 7 देसी बम बरामद किए गए हैं. मामला दर्ज किया जा रहा है. गौरतलब है कि विकास दुबे के खात्मे के बाद पुलिस इस बात को सुनिश्चित कर लेना चाहती है कि बिकरु गांव के किसी घर में भी अब हथियार न रहे. आज जब सुबह विकास दुबे की मौत के बाद बिकरु के पंचायत भवन से 7 देसी बम मिले. इसके बाद पुलिस और बम निरोधक दस्ते ने पूरे गांव में एक ड्रिल चलाई.

इस ड्रिल के दौरान पुलिस यह सुनिश्चित कर लेना चाहती थी कि किसी भी घर में बम या फिर हथियार ना हो. बम निरोधक दस्ते ने गांव के एक एक घर में जा कर सामान को उलट-पुलट कर ना सिर्फ जांचा. बल्कि स्निफर डॉग की मदद से यह जानने की कोशिश की कि अब कहीं कोई बम हथियार ना बचा हो.

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कानपुर देहात के जिस बिकरु गांव में कभी विकास दुबे उनको और उनके गुर्गों की हलचल चौबीसों घंटे बनी रहती थी. आज वहां की गलियां वीरान सी नजर आती हैं, अगर कुछ नजर आता है तो खाकी वर्दी वाले और विकास दुबे के गांव को जानने की कोशिश में मीडिया कर्मी लगे हैं. विकास दुबे के खौफ का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि एनकाउंटर में मारे जाने के बाद भी बिकरु गांव का रहने वाला एक भी व्यक्ति उसके खिलाफ अब तक जुबान खोलने को तैयार नहीं है.

यह वीडियो देखें: 

Vikas Dubey Chaubepur Police Bikru Village kanpur
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