Sambhal News: उत्तर प्रदेश के संभल में जारी जामा मास्जिद और हरिहर मंदिर विवाद पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को फैसला सुना दिया है. अदालत ने रिव्यू अर्जी को खारिज कर दिया है, जिसके चलते मस्जिद कमेटी को झटका लगा है.
दरअसल, यह याचिका सिविल कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ दायर की गई थी, जिसमें मस्जिद परिसर का पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने की अनुमति दी गई थी. फिलहाल, कोर्ट के फैसले के बाद अब जामा मस्जिद परिसर में सर्वे की प्रक्रिया पर कोई रोक नहीं लगेगी और यह आगे जारी रहेगा.
ये थी मस्जिद कमेटी की याचिका
मुस्लिम पक्ष की ओर से दाखिल सिविल रिवीजन याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह निर्णय दिया. मस्जिद कमेटी ने सर्वे की वैधानिकता और याचिका की पोषणीयता को चुनौती दी थी.
क्या है विवाद
हिंदू पक्ष का दावा है कि जामा मस्जिद का निर्माण प्राचीन हरिहर मंदिर को तोड़कर किया गया है. इसी आधार पर मंदिर में पूजा-पाठ की अनुमति देने और पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने की मांग की गई थी. वहीं, मुस्लिम पक्ष का कहना है कि मस्जिद में किसी भी तरह का बदलाव नहीं हुआ और यह एक वैध धार्मिक स्थल है.
एएसआई की ओर से 5 मई को कोर्ट में जवाब दाखिल किया गया था, जिसके बाद मस्जिद पक्ष को जवाब देने का समय दिया गया था. कोर्ट ने 13 मई को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था, जो अब सामने आ गया है.
इसलिए सुर्खियों में आया था मामला
हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अब एएसआई को मस्जिद परिसर में सर्वे करने का रास्ता साफ हो गया है. यह मामला तब सुर्खियों में आया जब वकील हरिशंकर जैन और 7 अन्य लोगों ने दावा किया कि मस्जिद दरअसल हरिहर मंदिर की जगह बनाई गई है. फिलहाल, सभी की नजर अब ASI की सर्वे रिपोर्ट और आगामी कानूनी कार्रवाई पर टिकी है.
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