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नोएडा में कई जगह हो रही रैंडम टेस्टिंग, तोड़ी जा रही संक्रमण की चेन

नोएडा के पास स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर की कोई कमी नहीं है. हमारे सिर्फ 20% वेंटिलेटर ही उपयोग में है ,बाकी 80 फ़ीसदी करोना के मरीजों के लिए खाली है. ऑक्सीजन और आईसीयू बेड की भी कोई समस्या नहीं है.

Updated on: 19 Nov 2020, 12:24 PM

नोएडा:

गौतमबुद्ध नगर के सीएमओ डॉ दीपक ने कहा कि कल 168 रेंडम एंटीजन टेस्ट डीएनडी और शीला बॉर्डर पर किए गए. जिसमें से तीन व्यक्ति पॉजिटिव आए ,जिनमें से एक उत्तर प्रदेश पुलिस, एक दिल्ली निवासी और एक नोएडा का कैब चालक था. आज बोटैनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन जहां ब्लू और मजेंटा लाइन मिलती है, इसके साथ ही न्यू अशोक नगर मेट्रो स्टेशन जो दिल्ली का आखरी मेट्रो स्टेशन है, जिससे 100 मीटर दूर नोएडा की सीमा शुरू हो जाती है ,रैपिड एंटीजन रेंडम सेंपलिंग की जा रही है.

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नोएडा के पास स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर की कोई कमी नहीं है. हमारे सिर्फ 20% वेंटिलेटर ही उपयोग में है ,बाकी 80 फ़ीसदी करोना के मरीजों के लिए खाली है. ऑक्सीजन और आईसीयू बेड की भी कोई समस्या नहीं है. करोना पॉजिटिव आने पर चाहे मरीज किसी भी राज्य का हो रेंडम सेंपलिंग के बाद उसे नोएडा में ही उपचार दिया जाएगा. गौतमबुद्ध नगर में स्कूल खुल गए हैं, लेकिन हमारी जानकारी के मुताबिक 2-3% ही बच्चे स्कूल जा रहे हैं, अगर बच्चों की संख्या अपेक्षाकृत बढ़ती है तो हमारी भविष्य की योजना है कि स्कूल में भी टीचरों और छात्रों का रेंडम रैपिड इंजन टेस्टिंग करवाई जाएगी. अभी तक नोएडा के स्कूलों में कोई भी टेस्टिंग नहीं हुई हैै.

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सर्दियों के साथ ही राजधानी दिल्ली में करोना का कहर बढ़ गया है , 24 घंटे के अंदर देश में सबसे ज्यादा 7486 मरीज सामने आए हैं वही देश में सबसे ज्यादा करोना से मृत्यु भी दिल्ली में ही 131 हुई है. अब पड़ोसी जिले गौतम बुध नगर के नोएडा इलाके में मेट्रो स्टेशन और सड़क मार्ग पर रेंडम टेस्टिंग की जा रही है. जिसके जरिए संक्रमण की चेन को रोकने की कोशिश इसमें खास ध्यान उन सुपर स्पाइडर पर दिया जा रहा है जो करोना क्या संक्रमण तेज गति से फैला सकते हैं. जिसमें कैब ड्राइवर, ऑटो रिक्शा ,रिक्शा चालक, पार्सल कोरियर सर्विस आदि व्यवसाय से जुड़े हुए लोग शामिल हैं.

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करोना के टेस्ट कराने वाले लोग भी स्थानीय प्रशासन के इस कदम की प्रशंसा कर रहे हैं. जिससे वे खुद भी सुरक्षित रहें और आसपास वालों को भी संक्रमण ना फैलाएं. यह अनूठा प्रयोग फिलहाल सिर्फ नोएडा में ही किया जा रहा है. जिसकी रिपोर्ट फौरन आ जाती है और व्यक्ति अगर होम आइसोलेशन नहीं चाहता तो उसका उपचार नोएडा में ही किया जाता है भले ही वह किसी भी राज्य का रहने वाला हो.