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13 हजार वर्ग मीटर में बनेगा भव्य राममंदिर, एडीए से नक्शा पास

अयोध्या (Ayodhya) में भव्य राम मंदिर (Ram mandir) के निर्माण की राह में एक कदम और आगे बढ़ गया है. बुधवार को हुई अयोध्या विकास प्राधिकरण की बोर्ड की बैठक में मंदिर का नक्शा सर्वसम्मति से पास हो गया है. इससे मंदिर के निर्माण में किसी भी प्रकार की अब अड़चन नहीं होगी.

Updated on: 02 Sep 2020, 12:57 PM

अयोध्या:

अयोध्या (Ayodhya) में भव्य राम मंदिर (Ram mandir) के निर्माण की राह में एक कदम और आगे बढ़ गया है. बुधवार को हुई अयोध्या विकास प्राधिकरण (ADA) की बोर्ड की बैठक में मंदिर का नक्शा सर्वसम्मति से पास हो गया है. इससे मंदिर के निर्माण में किसी भी प्रकार की अब अड़चन नहीं होगी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारी नक्शे में 274110 वर्ग मीटर ओपन एरिया रखा गया है. वहीं 13000 वर्ग मीटर का कवर्ड एरिया रहेगा. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को नक्शा पास कराने के लिए विकास शुल्क के तौर पर 2 करोड़ 11 लाख 33 हज़ार 184 रुपए जमा करने होंगे. इसके अतिरिक्त लेबर सेस के रूप में 15 लाख 363 रुपये भी जमा करने होंगे. डेवलपमेंट शुल्क जमा होने के बाद राम मंदिर निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ हो जायेगी.

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अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम शुरू हो गया है. CBRI रुड़की और IIT मद्रास के साथ मिलकर निर्माणकर्ता कम्पनी L&T के अभियंता भूमि की मृदा के परीक्षण के कार्य में लगे हुए है. मन्दिर निर्माण के कार्य में लगभग 36-40 महीने का समय लगने का अनुमान है. श्री रामजन्मभूमि मन्दिर का निर्माण भारत की प्राचीन निर्माण पद्धति से किया जा रहा है ताकि वह सहस्त्रों वर्षों तक न केवल खड़ा रहे, अपितु भूकम्प, झंझावात अथवा अन्य किसी प्रकार की आपदा में भी उसे किसी प्रकार की क्षति न हो. मन्दिर के निर्माण में लोहे का प्रयोग नहीं किया जाएगा.

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श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का कहना है कि अयोध्या (Ayodhya Ram Mandir) में ऐसा भव्य राम मंदिर बनेगा, जिसमें रामलला एक हजार वर्ष तक सुरक्षित रहेंगे. फिलहाल रामलला मंदिर (Ram Lala Temple) की नींव की ड्राइंग बनकर तैयार है. निर्माण के लिए एलएनटी कंपनी तैयार है. चंपत राय ने यहां बताया कि अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण का काम चंद रोज में शुरू हो जाएगा. राम मंदिर निर्माण कार्य के बारे में जानकारी देते हुए राय ने बताया कि अब तकनीकी काम है. यह मंदिर 1000 साल तक इस सृष्टि के आंधी-तूफान को सहता रहेगा. इसलिए निर्माण में उसी तरह की तकनीकी का इस्तेमाल भी होगा.