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69 हज़ार शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में प्रियंका ने कहा 'मैं आवाज़ उठाऊंगी'

कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रभारी उत्तर प्रदेश प्रियंका गांधी ने 69 हज़ार भर्ती घोटाले के मामले में फेसबुक लाइव के माध्यम से अपनी बातों को रखीं.

Updated on: 09 Jun 2020, 11:03 PM

लखनऊ:

अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रभारी उत्तर प्रदेश प्रियंका गांधी ने 69 हज़ार भर्ती घोटाले के मामले में फेसबुक लाइव के माध्यम से अपनी बातों को रखीं. इसके पहले उन्होंने आज सुबह 11:30 बजे इस भर्ती से जुड़े प्रतियोगी छात्र छात्राओं से वीडियो कांफ्रेंसिंग से बातचीत कीं थीं. उन्होंने फेसबुक लाइव में कहा कि मैं उत्तर प्रदेश के युवाओं, खास करके उन प्रतियोगी छात्र-छात्राओं से बात करना चाह रही हूं, जिन्होंने सुपरटेट 69 हज़ार की परीक्षा दिए थें.

उन्होंने कहा कि आप सब जानते हैं कि हाल में परीक्षा के रिजल्ट्स आएं. उस रिजल्ट्स से बहुत आक्रोश और नाराजगी हुई है. मीडिया की रिपोर्ट्स से, छात्र-छात्राओं की बातों से पता चल रहा है कि इस परीक्षा में घोटाला हुआ, बहुत बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है.

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उन्होंने कहा कि जब से मैंने यूपी में काम करना शुरू किया, तब से मैं देख रहीं हूँ कि ऐसी तमाम परीक्षा जो यूपी में हुई हैं, उनमें चीटिंग निकलती है. घोटाले होते हैं. भ्रष्टाचार की बात उठती है. इससे बहुत दुख होता है.

महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी ने कहा कि आज जिन छात्राओं से मैं बात कर रही थी, वे मुझे बता रहीं थीं कि एग्जाम देने के लिए दो सौ किलोमीटर दूर गईं. लेकिन बार बार परीक्षा में हेर फेर हो रहा है. नकल के मामले उठते हैं. कभी परीक्षा रद्द होती है. जो अंक आते हैं उन पर नया नियम आ जाता है. पहले कटऑफ कुछ होता है. परीक्षा के बाद कुछ हो जाता है.

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महासचिव ने कहा कि मैं दिल्ली में रहती हूँ, यह सोच भी नहीं सकती कि एक परीक्षा का रिजल्ट डेढ़ साल बाद आता है. उसके रिजल्ट्स आने में इतना समय क्यों लग रहा है.अगर कोई घोटाला नहीं है. कोई गड़बड़ी नहीं है तो परिणाम पहले आने चाहिए. इस तरह के तमाम सवाल है जो इस परीक्षा के इर्दगिर्द उठने लगे हैं.

प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि आज सुबह टॉपर गिरफ्तार हुए हैं और लोग गिरफ्तार हुए हैं. मैं पूछना चाहती हूँ कि अगर यह परीक्षा साफ सुथरे ढंग से हुई है, पारदर्शिता बरती गई है तो लोग गिरफ्तार क्यों हो रहे हैं?

उन्होंने कहा कि सरकार कह रही है कि एक सेंटर की दिक्कत है उसे गिरफ्तार कर लिया गया है अगर समस्या नहीं है तो ये सब सवाल क्यों उठ रहे हैं. स्टूडेंट्स इतने परेशान क्यों हैं? परीक्षा के नियम बार बार बदल क्यों रहे हैं.

महासचिव ने फेसबुक लाइव में कहा कि मैं आप सबसे कहना चाहती हूं कि आज जिन बच्चों से मैंने बातें कीं वे बता रहे थे कि कितना संघर्ष है. सिर्फ पढ़ाई नहीं, उनके लिए यह परीक्षा जीवन के भविष्य का द्वार है. जिससे वे अपना भविष्य बना सकते हैं. अपने परिवार का भविष्य बना सकते हैं.

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उन्होंने कहा कि अगर हम एक साथ आवाज़ नहीं उठाएंगे. अगर हम यह मांग नहीं करेंगे कि परिवर्तन आये तो एक ऐसा सिलसिला बन जायेगा. यूपी सरकार ऐसे ही समझ रही है कि चाहे कोई घोटाला हो जाये, कोई भ्रष्टाचार हो जाये किसी को आवाज़ नहीं उठाने देगी है. कहीं कहीं सरकार कह रही है कि अगर आप आवाज़ उठायेगें तो आप पर मुकदमें लगाएंगे. या तो फिर हम सब चुप हो जाएं, तब कोई परिवर्तन नहीं होगा. या फिर हम आवाज़ उठाएं और सरकार से जबाबदेही मांगें.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी बताएं कि वे जिम्मेदारी ले रहे हैं कि नहीं ले रहे हैं. ठोस कार्यवाही होनी चाहिए. पूरी तरह से पारदर्शिता के साथ कार्यवाही होनी चाहिए.

महासचिव ने कहा कि युवा पूरे प्रदेश के भविष्य हैं. पूरी पीढ़ी के भविष्य का सवाल है. मुख्यमंत्री जी यह आपके भी बच्चे हैं. हमारे हैं, हम सबके हैं. एक सकारात्मक तरीके से यह एक रास्ता खोजना पड़ेगा. यह राजनीति की बात नहीं है, यह एक जेनरेशन के भविष्य का सवाल है. उस सवाल को हम उठा रहे हैं.

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प्रियंका गांधी ने कहा कि आपकी सरकार में यह सब हो रहा है. पारदर्शिता से जो भी कार्यवाही करवानी है आप करवाईये. चाहे इम्तिहान को रद्द करवाने की कार्यवाही हो. चाहे जांच करवाने की कार्यवाही हो.

उन्होंने कहा कि इससे बढ़कर मुझे सबसे ज्यादा दुख हुआ कि इन प्रतियोगी छात्र छात्राओं की कोई सुनवाई भी नहीं होती है. इनकी आवाज़ दबाई जाती है. दमन से कुछ नहीं होगा, ये युवा हैं. ये आवाज़ उठाते हैं, ये उनका स्वभाव है.

उन्होंने कहा कि एक देश- एक प्रदेश आगे बढ़ेगा, विकसित होगा. इसके लिए जरूरी है कि आपको सुनना पड़ेगा. युवाओं की समस्याओं को सुलझाना पड़ेगा. इस तरह की नीति नहीं होनी चाहिए कि भर्तियों में धांधली हो. परीक्षाओं में घोटाले हों. यह कोई आम चीज नहीं हैं. हमें इसे स्वीकार नहीं करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि हमको बदलाव लाने के लिए एक साथ काम करना चाहिए. मैं युवाओं से कहना चाहती हूं. जिन लोगों ने यह परीक्षा दिया उनसे कहना चाहती हूं कि मैं आपके साथ खड़ी हूँ. मैं आपकी आवाज उठाऊंगी. यह कोई राजनीतिक बात नहीं है, आप यूपी के भविष्य हैं. हम आपके लिए लड़ेंगे. आपकी लड़ाई हमारी लड़ाई है.