यूपी के वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर का तो उद्धार हो गया. अब वहां के अन्य मंदिरों का भी उद्धार हो रहा है. इसी कड़ी में वाराणसी के मदनपुरा इलाके में 100 साल से बंद सिदेश्वर महादेव का मंदिर आज जिला प्रशासन के निगरानी में खोला गया. मंदिर खुला तो पहले डेढ़ फीट से अधिक मलबा निकला. उसके बाद बाबा के तीन शिवलिंग सामने आए जिसमें से एक शिवलिंग खंडित था. मंदिर तो खुल गया लेकिन इसमें पूजा-पाठ खरमास के बाद शुरू होगी.
दरअसल, वाराणसी के मुस्लिम बहुल इलाके में आज 100 साल बाद सिद्धेश्वर महादेव का मंदिर का दरवाजा खुला. पिछले 17 दिसंबर से इस मंदिर को खोलने के लिए विश्व हिंदू परिषद सहित कई हिंदू संगठन आंदोलन कर रहे थे और आज जिला प्रशासन और पुलिस के सामने मंदिर का दरवाजा खुला. जैसे ही मंदिर खुला तो भक्त हर-हर महादेव का नारा लगाने लगे और फिर सभी ने शिवलिंग का जलाभिषेक किया. काशी विद्वत परिषद ने बताया कि इस मंदिर का उल्लेख इतिहास में मिलता है. ये मंदिर काशी खंड में है जिसे सिद्धेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है.
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मंदिर के पास है विशाल कुआं
इस मंदिर से मात्र कुछ ही कदमों की दूरी पर एक विशाल कुआं है जिसे पत्थर से ढक दिया गया है. इसे सिद्धेश्वर कूप के नाम से जाना जाता था. प्राचीन काल में इसी कूप से जल लेकर बाबा को अर्पित किया जाता था और अब इस कूप का भी जीर्णोद्धार होना है.
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मंदिर के अंदर मिले तीन शिवलिंग
वाराणसी के मदनपुरा क्षेत्र में प्राचीन शिव मंदिर मिलने के बाद अब इस मामले पर सनातन धर्म से जुड़े संगठन काशी विद्वत परिषद द्वारा बड़ा ऐलान किया गया था कि मंदिर खुलेगा. आज उस पर अमल करते हुए मंदिर को खोला गया जिसके अंदर तीन शिवलिंग मिले हैं. इस मंदिर के खोलने से मुस्लिम समाज के लोग भी बेहद खुश नजर आए और गंगा जमुनी सभ्यता का परिचय दिया.