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राष्ट्रीय मानवाधिकार ने योगी सरकार को दो नोटिस भेजा,( Photo Credit : फाइल फोटो)
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने योगी सरकार को दो नोटिस भेजा है. गौतमबुद्धनगर और नोएडा में दो महिलाओं के प्रति चिकित्सा उदासीनता के दो कथित मामलों पर नोटिस दिया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश जारी किया है कि वे कोरोना के अलावा दूसरे केस में इलाज करने से इंकार नहीं करें.
एनएचआरसी, भारत ने गौतमबुद्धनगर और नोएडा के कई सरकारी और निजी अस्पतालों में दो महिलाओं को भर्ती नहीं लेने की मीडिया रिपोर्टों पर संज्ञान लिया है. आयोग ने योगी सरकार (Yogi government) के मुख्य सचिव को विस्तृत रिपोर्ट के लिए नोटिस जारी किया है. जिसमें चार सप्ताह के अंदर दोषी डॉक्टरों और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की रिपोर्ट भी देना शामिल है.
Accordingly, NHRC has issued a notice to the Chief Secretary, Government of Uttar Pradesh calling for a detailed report in the matter, within four weeks including the action taken against the delinquent doctors/officials: National Human Rights Commission of India https://t.co/wuIejoX1qi
— ANI (@ANI) June 8, 2020
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गौतमबुद्ध नगर में 8 महीने की गर्भवती महिला की मौत हो गई. 13 घंटे तक वो एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भटकती रही, लेकिन किसी ने भी उसे एडमिट नहीं किया. महिला की उम्र 30 साल थी. वो पति के साथ एंबुलेंस में करीब 8 अस्पताल में गई. लेकिन किसी ने एडमिट नहीं किया. आखिरकार महिला ने एंबुलेंस में दम तोड़ दिया.
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वहीं दूसरी दर्दनाक कहानी नोएडा की है. यहां 26 साल की गर्भवती महिला को सेक्टर 30 स्थित नोएडा जिला अस्पताल ने भर्ती करने से इनकार कर दिया जिसके बाद सड़क पर ही महिला को प्रसव हो गया लेकिन मरा हुआ बच्चा पैदा हुआ. महिला की सरकारी स्वास्थ्य सुविधा के गेट पर ही डिलिवरी कराई गई.
मानवाधिकार आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव से विस्तृत रिपोर्ट मांगने के साथ साथ यह भी पूछा है कि दोषी अधिकारियों एवं डॉक्टरों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गयी है. आयोग ने कहा कि मीडिया खबरों में दी गयी जानकारी, अगर सही है, तो यह मानवाधिकार उल्लंघन का गंभीर मुद्दा है क्योंकि राज्य सरकार अपने नागरिकों को जीवन और चिकित्सकीय उपचार का अधिकार सुनिश्चित करने में विफल रही.
यह बात समझ आती है कि कोविड—19 वायरस के प्रसार के बीच अस्पतालों में बडी संख्या में इसके मरीज आ रहे हैं और बुनियादी ढांचे की कमी भी है लेकिन अस्पतालों द्वारा मरीजों को नहीं देखा जाना गंभीर चिन्ता का विषय है. आयोग ने कहा कि वह राज्य सरकार से जानना चाहता है कि क्या मौजूदा परिस्थितियों से निपटने के लिए उसकी ओर से अस्पतालों को कोई एसओपी (स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर) जारी किया गया है. अगर हां, तो सभी संबद्ध लोगों से इसका कड़ाई से पालन करने को कहा जाना चाहिए ताकि आपात स्थिति में कोविड—19 से इतर अगर किसी बीमारी से ग्रस्त मरीज उपचार के लिए आता है तो उसका जीवन भी बचाया जा सके.
Source : News Nation Bureau