Advertisment

बेसिक शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक लगाने संबंधी आदेश पर लखनऊ खंडपीठ ने निर्णय सुरक्षित रखा

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती पर रोक के मामले में सरकार की अपील को सुनवाई के लिये सोमवार को अनुमति दे दी.

author-image
Yogendra Mishra
New Update
2 साल की बच्ची से कराना चाहता था ओरल सेक्स, कोर्ट ने आरोपी को दी जमानत

प्रतीकात्मक फोटो।( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती पर रोक के मामले में सरकार की अपील को सुनवाई के लिये सोमवार को अनुमति दे दी किंतु इस मामले में एकल न्यायाधीश की पीठ के निर्णय पर रोक लगाने के सरकार के अनुरोध पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया. इस मामले में सरकार की ओर से दाखिल विशेष अपील पर सोमवार को सुनवाई हुई.

यह भी पढ़ें- केन विलियमसन ने विराट कोहली को बताया रनों का भूखा, तारीफ करते हुए दिया ये बड़ा बयान

यह अपील नौ जून को सुनवाई के लिए सूचीबध्द थी लेकिन सरकार ने शीघ्रता की ओर ध्यान दिलाते हुए इस पर तत्काल सुनवाई करने का अनुरोध किया था. न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल और न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की पीठ ने इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया. सुनवाई के समय अभ्यर्थियों में से एक रिषभ की ओर से अधिवक्ता एलपी मिश्रा ने अपना जवाब दाखिल किया.

अदालत ने अन्य अभ्यर्थियों की ओर से पेश वकीलों एचजीएस परिहार, सुदीप सेठ और जेएन माथुर आदि को मंगलवार सुबह 10 बजे तक उनका जवाब लिखित में देने को कहा है. उत्तर प्रदेश सरकार ने रविवार को एक विशेष याचिका दाखिल कर उत्तर प्रदेश में 69 हजार बेसिक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया रोके जाने के फैसले को चुनौती दी थी.

यह भी पढ़ें- दिल्ली में ICMR गाइडलाइन के तहत होगी टेस्टिंग, उपराज्यपाल अनिल बैजल ने लिया फैसला 

न्यायमूर्ति पंकज जायसवाल और न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ के समक्ष राज्य सरकार की ओर से परीक्षा नियामक आयोग (ईआरए) द्वारा दाखिल की गई इस याचिका पर आगामी नौ जून को सुनवाई करने को कहा था.

ईआरए ने अपनी अपील में कहा कि प्रदेश में 69 हजार बेसिक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया को रोकने संबंधी एकल पीठ का तीन जून का निर्णय ‘‘अवैध’’ है. न्यायमूर्ति आलोक माथुर ने प्रदेश में 69 हजार बेसिक शिक्षकों की भर्ती संबंधी प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी. अदालत का कहना था कि परीक्षा के दौरान पूछे गए कुछ प्रश्न गलत थे.

Source : Bhasha

allahabad high court corona-virus covid-19
Advertisment
Advertisment
Advertisment