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मंत्री जी ने बताया प्रदूषण की समस्या का अनोखा हल, जानकर आप भी चौंक जाएंगे

उत्तर प्रदेश के एक मंत्री ने प्रदूषण की समस्या का एक अनोखा हल सुझाया है. मंत्री का मानना है कि यज्ञ से भगवान इंद्र प्रसन्न होंगे, जिससे बारिश होगी और प्रदूषण में कमी आएगी.

Updated on: 04 Nov 2019, 07:26 AM

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश के एक मंत्री ने प्रदूषण की समस्या का एक अनोखा हल सुझाया है. मंत्री का मानना है कि यज्ञ से भगवान इंद्र प्रसन्न होंगे, जिससे बारिश होगी और प्रदूषण में कमी आएगी. इतना ही नहीं मंत्री जी ने पराली जलाने से बहुत कम ही प्रदूषण होने की बात कही. उन्होंने कहा कि पराली जलाना प्राकृतिक प्रक्रिया है और इससे इस हद तक प्रदूषण नहीं होता. उत्तर प्रदेश के मंत्री सुनील भराला की टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब दिल्ली, उत्तर प्रदेश के पश्चिमी व मध्य भाग सबसे खराब हवा की गुणवत्ता से जूझ रहे हैं. ज्यादातर जगहों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) का स्तर या तो 'बहुत खराब' या 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गया है.

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सुनील भराला श्रम कल्याण बोर्ड के चेयरमैन हैं और उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त है. मंत्री भराला ने कहा, 'किसानों ने हमेशा से पराली जलाने का कार्य किया है और प्राकृतिक प्रक्रिया की बार-बार आलोचना दुर्भाग्यपूर्ण है.' भराला ने सुझाव दिया कि भगवान इंद्र की प्रार्थना से प्रदूषण से निपटने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा, 'सरकार को भगवान इंद्र (बारिश के देवता) को प्रसन्न करने के लिए यज्ञ करवाना चाहिए, यह पारंपरिक तौर पर होता रहा है. भगवान इंद्र चीजों को सही कर देंगे.'

मंत्री ने यह भी कहा कि जब किसान गन्ना व दूसरे फसलों की खेती करते हैं तो इस तरह के अपशिष्ट पैदा होते हैं और उन्हें जलाने की आलोचना करना किसानों पर हमला है. गौरतलब है कि प्रदूषण के पीछे पराली जलाने को प्रमुख कारकों में से एक माना जा रहा है. पंजाब में हाल के दिनों में पराली जलाने के 22,000 से ज्यादा मामले व हरियाणा में 4,200 मामले सामने आए हैं. अब तक दिल्ली-एनसीआर के अलावा उत्तर प्रदेश के कई प्रमुख शहरों की हवा बेहद जहरीली हो गई है. वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. ज्यादातर जगहों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) का स्तर या तो 'बहुत खराब' या 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गया है.

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राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण पर करीब से नजर रखे हुई है. लगभग 300 टीमें प्रदूषण को कम करने में लगी हुई हैं. इस काम के लिए जरूरी मशीनरी राज्यों में बांटी गई हैं. केंद्र सरकार की नजर मुख्य रूप से सात औद्योगिक क्षेत्रों और बड़े यातायात गलियारों पर है. प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों, कचरों को जलाए जाने और निर्माण गतिविधियों पर खासतौर से नजर रखी जा ही है. प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी.के. मिश्रा ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र तथा उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति पर रविवार को उच्चस्तरीय बैठक की. बैठक में पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के वरिष्ठ अधिकारी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये शामिल हुए.

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