Lucknow: राजधानी लखनऊ के बक्शी का तालाब क्षेत्र में गोमती नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से हालात बेहद खराब हो गए हैं. बारिश और उफान पर आई नदी ने करीब 12 गांवों को अपनी चपेट में ले लिया है. सड़कें डूब चुकी हैं और गांवों में आने-जाने के लिए अब केवल नाव का सहारा बचा है.
लासा गांव समेत आसपास के कई इलाकों में घरों के भीतर पानी भर गया है. खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हो चुकी हैं. किसानों का कहना है कि उनकी सालभर की मेहनत पर पानी फिर गया है. लोग मजबूरी में अपने मवेशियों और बच्चों को सुरक्षित जगहों पर ले जा रहे हैं.
नहीं मिली कोई मदद
गांव के स्थानीय लोगों ने बताया कि प्रशासन की ओर से अभी तक कोई ठोस मदद नहीं मिली है. ग्रामीणों को सिर्फ आश्वासन ही दिया गया है. न तो राशन वितरण हो रहा है और न ही कोई राहत सामग्री पहुंचाई गई है. लोगों का कहना है कि एनडीआरएफ या एसडीआरएफ की नावें भी अब तक गांवों तक नहीं पहुंची हैं.
चार बार गांव में घुस चुका है पानी
गांव में रहने वाले रामासरी ने बताया, 'पानी चार बार गांव में घुस चुका है. खेतों में जो भी फसल थी वह पूरी तरह से नष्ट हो गई है. लेकिन अब तक हमें कोई आर्थिक मदद नहीं मिली.' वहीं सुनील कुमार नाम के ग्रामीण का कहना है कि 'अधिकारी आए और सिर्फ भरोसा देकर चले गए. हकीकत यह है कि कोई भी राहत का इंतजाम अभी तक नहीं किया गया है.'
बच्चों की पढ़ाई को लेकर हो रही समस्या
सबसे बड़ी समस्या बच्चों की पढ़ाई को लेकर सामने आई है. गांव के सभी स्कूलों में पानी भर चुका है और कई दिनों से पढ़ाई बंद है. छोटी-छोटी बच्चियां और बीमार लोग नाव के जरिए गांव से बाहर आ रहे हैं. एक महिला ग्रामीण ने बताया कि दवाइयां तक आसानी से उपलब्ध नहीं हो रही हैं, जिससे बच्चों और बुजुर्गों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
गांव के कई परिवारों ने अपने घर छोड़ दिए हैं और ऊंचे स्थानों पर शरण ले रखी है. मंदिरों तक में पानी भर जाने से ग्रामीणों की स्थिति और भी दयनीय हो गई है.
प्रशासन से लोगों की ये मांग
लोगों की मांग है कि जिला प्रशासन जल्द से जल्द राहत सामग्री, दवाइयां और मवेशियों के लिए चारा उपलब्ध कराए. साथ ही किसानों को हुए भारी नुकसान का मुआवजा दिया जाए.
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