Delhi Flood Alert: इस बार भी मानसून ने पहाड़ों पर हाहाकार मचा रखा है. भारी बारिश के चलते पहाड़ी राज्य उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भारी तबाही मची हुई है. उत्तराखंड के उत्तरकाशी में मंगलवार को धराली गांव में आए सैलाब में पांच लोगों की मौत हो गई. जबकि कई लोग लापता है. जिनकी तलाश की जा रही है. आपदाग्रस्त इलाके में युद्धस्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. अब तक बचाव कर्मियों ने 400 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया है. इस बीच दिल्ली में भी बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. दरअसल, राजधानी में भी अब यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर निकल गया है.
दिल्ली में चेतावनी स्तर से ऊपर यमुना का जलस्तर
दिल्ली में यमुना का जलस्तर अब खतरे के निशान से ऊपर निकल गया है. गुरुवार को अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर गुरुवार को पुराने रेलवे पुल पर 204.88 मीटर तक पहुंच गया, जो चेतावनी स्तर 204.5 मीटर को पार कर गया. खतरे का निशान 205.3 मीटर है और निकासी 206 मीटर पर शुरू हो गई है. बता दें कि दिल्ली में पुराना रेलवे पुल एक प्रमुख निगरानी बिंदु के रूप में कार्य करता है.
इस सीजन में पहली बार छुआ खतरे का निशान
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए एहतियाती कदम उठाने के लिए सभी संबंधित एजेंसियों को अलर्ट जारी कर दिया गया है. बता दें कि यमुना के जलस्तर में ये खतरनाक वृद्धि इस साल मानसून के मौसम में लगातार हो रही बारिश के बीच पहली बार हुई है. जबकि प्रयागराज, वाराणसी जैसे शहरों में गंगा का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ आ गई है.
प्रयागराज और वाराणसी में बाढ़ जैसे हालात
वहीं उत्तर प्रदेश के कई जिले इनदिनों गंगा समते कई प्रमुख नदियों के बढ़े हुए जलस्तर के चलते बाढ़ जैसी स्थिति का सामना कर रहे हैं. प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर और अयोध्या में भी बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. कई इलाकों में रिहायशी इलाकों में गंगा का पानी घुस गया है. वहीं राज्य के अन्य नदी नाले भी उफान पर हैं. बता दें कि वाराणसी में तो बीते शनिवार को ही गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के पास पहुंच गया. जिससे निचले इलाकों में पानी भर गया. केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक, शनिवार को वाराणसी में गंगा का जलस्तर 69.98 मीटर था जो अब बढ़कर 71.26 मीटर के खतरे के निशान के बहुत करीब पहुंच गया है.
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