Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश से बाहर हुआ गांधी परिवार! राहुल के बाद प्रियंका ने भी किया किनारा
Lok Sabha Election 2024: आगामी लोकसभा चुनाव से पहले ही गांधी परिवार से मुक्त हुआ उत्तर प्रदेश!
New Delhi:
Lok Sabha Election 2024: आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दल जहां अपनी रणनीतियों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं, वहीं कुछ दलों के लिए इस चुनाव में चुनौतियां भी बढ़ती जा रही हैं. मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल को लेकर काफी आशवस्त है. सदन में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार 400 पार के आंकड़े की बात कर चुके हैं. इसमें बीजेपी 370 तो एनडीए 400 प्लस को लेकर दावे कर रही है. जबकि इस चुनाव में कांग्रेस अपने जनाधार की चुनौती से ही जूझ रही है. सबसे बड़ी बात यह है कि लोकसभा के लिए वरदान माने जाने वाले उत्तर प्रदेश से ही गांधी परिवार की विदाई हो गई है. अगर ऐसा ही हुआ तो इस बार के लोकसभा चुनाव में ऐसा पहली बार होगा कि गांधी परिवार का कोई भी सदस्य यहां से चुनाव नहीं लड़ेगा.
राहुल के बाद प्रियंका ने किया किनारा
गांधी परिवार को दो पारंपरिक सीटें मानी जाती थी. एक अमेठी और दूसरी रायबरेली. अमेठी से चुनाव हारने के बाद राहुल गांधी ने यहां से चुनाव न लड़ने का फैसला किया था. उन्होंने केरल के वायनाड से भी अपनी दावेदारी प्रस्तुत की थी और यहां से उन्हें कामयाबी भी मिली. वहीं रायबरेली से अब तक सोनिया गांधी लगातार जीतती आ रही थीं, लेकिन बीते चुनाव यानी 2019 में सोनिया गांधी ने भी इसे अपना अंतिम लोकसभा चुनाव बताया था. उन्होंने कहा था कि अगली बार से वह चुनाव नहीं लड़ेंगी.
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ऐसे में कयास लगने लगे थे कि इस सीट पर प्रियंका गांधी को उतारा जा सकता है. जब सोनिया गांधी ने राज्यसभा के लिए राजस्थान से नामंकन दाखिल किया तब तक भी यही अटकलें लगाई जा रही थीं कि यहां से प्रियंका गांधी को लोकसभा चुनाव में उतारा जाएगा. लेकिन राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि वह किसी और सीट से चुनाव लड़ सकती हैं. हालांकि राजनीतिक हलकों की मानें तो प्रियंका गांधी फिलहाल चुनाव लड़ने के मूड में नहीं हैं. ऐसा होता है तो गांधी परिवार मुक्त यूपी होना तय है.
आंकड़ों पर एक नजर
गांधी परिवार के उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ने के इतिहास को खंगाले तो 1952 से 1960 के बीच फिरोज गांधी ने लगातार दो बार यहां से चुनाव लड़ा और जीते. वहीं 1967 से 1980 के बीच इंदिरा गांधी ने रायबरेली से 4 लोकसभा चुनाव लड़े और जीत दर्ज की. वहीं 2004 से अब तक यह सीट सोनिया गांधी ने संभाले रखी और हर बार जीतीं.
आजादी के बाद 3 बार रायबरेली से हारी कांग्रेस
बता दें कि आजादी के बाद रायबरेली सीट की बात करें तो यहां से तीन कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है. अमेठी की सीट पहले ही कांग्रेस गंवा चुकी है. यहां पर राहुल गांधी को बीजेपी नेता स्मृति ईरानी ने मात दी थी. माना जा रहा है कि कांग्रेस को अब रायबरेली से हार का खतरा नजर आ रहा है ऐसे में उन्होंने राज्यसभा का रुख किया है और अब तक रायबरेली से किसी के लड़े जाने की बात भी सामने नहीं आई जो बताती है गांधी परिवार यहां से किनारा कर रहा है.
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सोनिया गांधी ने रायबरेली की जनता को लिखा पत्र
सोनिया गांधी ने रायबरेली से लोकसभा चुनाव न लड़ने और राज्यसभा का नामंकन भरने के बाद रायबरेली की जनता के नाम एक पत्र लिखा है. सोनिया ने बढ़ती उम्र और सेहत का हवाला देते हुए यहां से चुनाव न लड़ने की बात कही. यही नहीं सोनिया गांधी ने यह भी कहा कि यहां से उनका और उनके परिवार का गहरा नाता रहा है. आजादी के बाद सबसे पहले इस सीट से फिरोजगांधी ने चुनाव लड़ा और उन्हें रायबरेली की जनता ने भारी मतों से विजयी बनाया. इसके बाद इंदिरा गांधी और फिर यह सिलसिला गांधी परिवार के लिए आगे भी चलता रहा. उन्होंने कहा कि उनका परिवार रायबरेली की जनता का आभारी है.
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