logo-image

Rajya Sabha Election: उत्तर प्रदेश में दिलचस्प हुआ राज्य सभा चुनाव, जानें बीजेपी ने कैसे बढ़ाई विरोधियों की टेंशन

Rajya Sabha Election: उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव मुकाबले ने लिया दिलचस्प मोड़, अपने आठवें प्रत्याशी के तौर पर बीजेपी ने बढ़ा दी विरोधियों की टेंशन

Updated on: 15 Feb 2024, 01:33 PM

New Delhi:

Rajya Sabha Election: राज्यसभा चुनाव के लिए गुरुवार को नामंकन का अंतिम दिन है. 15 फरवरी को  सभी उम्मीदवार अपने-अपने नॉमिनेशन फाइल कर देंगे. इसके बाद अगले दिन यानी 16 फरवरी को शुरू होगी इन नॉमिनेशन्स की चेकिंग. अगर किसी ने गलत भर दिया है या कोई गलती छूट गई है तो इनके फॉर्म रिजेक्ट हो सकते हैं. इस बीच राजनीतिक दलों ने भी अपने-अपने उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है. वहीं राज्यसभा चुनाव ने उत्तर प्रदेश में दिलचस्प मोड़ ले लिया है. यहां पर भारतीय जनता पार्टी ने 7 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान के बाद अपना आठवां कैंडिडेट भी उतार दिया है.  संजय सेठ के रूप में आठवें उम्मीदवार के भी नाम की घोषणा कर दी गई है. ऐसे में विरोधियों के पसीने छूटना शुरू हो गए हैं. 

ये हैं यूपी में बीजेपी के 8 उम्मीदवार
उत्तर प्रदेश में राज्यसभा के मुकाबले को बीजेपी ने दिलचस्प बना दिया है. आठों सीट पर अपने उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतार दिए हैं. इससे ना सिर्फ कांग्रेस बल्कि समाजवादी पार्टी की भी मुश्किलें बढ़ गई हैं.  बीजेपी ने यहां जिन उम्मीदवारों को टिकट दिया है उनमें एक बार फिर भरोसा जातते हुए सुधांशु त्रिवेदी को दिया है. इसके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री  RPN सिंह, पार्टी की राज्य इकाई के महासचिव अमरपाल मौर्य, पूर्व सांसद चौधरी तेजवीर सिंह, आगरा के पूर्व महापौर नवीन जैन, पूर्व विधायक साधना सिंह और पूर्व राज्य मंत्री संगीता बलवंत बिंद हैं. इसके अलावा नामांकन भरने के अंतिम दिन बीजेपी ने संजय सेठ को भी अपना कैंडिडेट घोषित कर दिया है. 

यह भी पढ़ें - Rajya Sabha Election: राज्यसभा की 6 सीटों के लिए कांग्रेस ने की उम्मीदवारों की घोषणा, अजय माकन समेत इन दिग्गजों के नाम

उम्मीदवारों के जरिए बीजेपी ने साधा जातिगत समीकरण
संसद के निचले सदन के साथ-साथ उच्च सदन में भी अपनी ताकत बढ़ा रही भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश को साधने के लिए अपनी कमर कस ली है. यही वजह है कि यहां से सिर्फ उम्मीदवारों के नामों का ऐलान नहीं किया बल्कि जातिगत समीकरण को साधने की भी कोशिश की गई है. आगामी लोकसभा के लिहाज से बीजेपी हर कदम फूंक-फूंक कर चल रही है.

कौन किस जाति का उम्मीदवार

1. आरपीएन सिंह (सैंथवार) 
2. चौधरी तेजवीर सिंह (जाट)
3. अमरपाल मौर्य (कोइरी) 
4. डॉक्टर संगीता बलवंत (बिंद) पिछड़ी जाति 
5. डॉक्टर सुधांशु त्रिवेदी (ब्राह्मण) 
6. साधना सिंह (क्षत्रिय)
7. नवीन जैन (जैन) 

बीजेपी की ओर से राज्यसभा चुनाव में अपने चार कैंडिडेट पिछड़ी जाती से है जो बताता है कि पार्टी लोकसभा चुनाव से पहले सभी समुदायों को साधने की कोशिश में जुटी है. 

कैसे बढ़ी सपा की टेंशन
राज्यसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की कुल 10 सीट में से 8 पर बीजेपी ने अपने प्रत्याशियों को उतार दिया है. सीटों और वोटों के गणित के लिहाज से बीजेपी के 7 उम्मीदवार सीधे-सीधे जीत रहे हैं. जबकि 8वें यानी संजय सेठ के लिए भी जीत लगभग तय मानी जा रही है. दरअसल संजय सेठ पहले समाजवादी पार्टी में थे. ऐसे में यह माना जा रहा है कि बीजेपी के बचे वोट और सपा से संजय सेठ समर्थक उनके पक्ष में वोट करेंगे तो बीजेपी के आठवें उम्मीदवार भी जीत दर्ज कर लेंगे. 

यह भी पढ़ें - Rajya Sabha Election: बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा गुजरात से जाएंगे राज्यसभा, अशोक चव्हाण को भी मिला इनाम

यूपी में क्या है सीटों का गणित
राज्यसभा चुनाव में एक सीट जीतने के लिए कुल 37 वोट की आवश्यकता होती है. भारतीय जनता पार्टी के पास कुल 252 वोट हैं. ऐसे में एनडीए के घटक दल मिला लिए जाएं तो कुल 271 वोट बीजेपी की झोली में आ जाते हैं. वहीं रालोद के आने के बाद यह संख्या 280 पहुंच गई है. रालोद के कुल 9 विधायकों का भी बीजेपी को साथ मिल गया है. ऐसे में बीजेपी को 7 सीटों पर सीधी जीत मिल रही है जबकि आठवें उम्मीदवा के लिए पार्टी के पास 16 एक्स्ट्रा वोट हैं. इसके लिए बीजेपी को 21 वोट की जरूरत पड़ेगी. संजय सेठ का सपा से भी गहरा नाता रहा है. माना जा रहा है कि सपा से सेठ के समर्थक क्रॉस वोटिंग करते हैं तो बीजेपी की आठ सीट पर जीत दर्ज हो जाएगी.

वहीं समाजवादी पार्टी अपने तीन उम्मीदवारों में सिर्फ दो को ही राज्यसभा भेज पाएगी क्योंकि सपा के पास 108 सीट है जबकि इंडिया गठबंधन की अन्य पार्टी कांग्रेस के 2 विधायकों का भी उनके साथ मिला है. ऐसे में सपा के पास कुल 110 सीट है. ऐसे में तीनों सीट जीतने के लिए सपा को 111 वोट चाहिए. एक वोट सपा को कम पड़ रहा है. संजय सेठ के लिए क्रॉस वोटिंग हो गई तो ये संख्या और बढ़ सकती है. ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि संजय सेठ के रूप में बीजेपी ने किस तरह सपा की टेंशन बढ़ाई है और क्या नतीजे सामने आते हैं.