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इस योजना से बदली यूपी की महिलाओं की किस्मत Photograph: (Social Media)
Lakhpati Didi Yojana: केंद्र और अलग-अलग राज्य सरकारें महिला सशक्तिकरण और उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए तमाम योजनाएं चला रही हैं. इन्हीं में से एक योजना है लखपति दीदी योजना. इस योजना को केंद्र का ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा चलाया जाता है. ये योजना ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों (SHG) के गठन और समर्थन के माध्यम से कम से कम एक लाख रुपये की वार्षिक घरेलू आय प्राप्त करने में मदद करता है.
देशभर में महिलाएं इस योनजा का फायदा उठा रही है. ये योजना महिलाओं को सशक्त बनाने एक सरकारी पहल है. इस योनजा की शुरुआत दो साल पहले यानी 2023 में की गई थी. ये स्कीम कौशल विकास, वित्तीय साक्षरता और उद्यमशीलता पर केंद्रित है, जिससे स्थायी आजीविका प्रथाओं को बढ़ावा दिया जा सके. साथ ही 2027 तक 3 करोड़ महिलाओं को "लखपति दीदी" बनाने के लक्ष्य को पूरा कर सके.
यूपी में 18.50 लाख से ज्यादा महिलाएं बनी लखपति दीदी
इस योजना का लाभ सभी राज्यों को मिल रहा है. यूपी की योगी सरकार भी इसमें सहयोग कर रही है. उत्तर प्रदेश में भी अब तक 18.55 लाख से ज्यादा महिलाओं लखपति दीदी बन चुकी हैं. इसके साथ ही राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (UPSRLM) लखपति दीदियों की संख्या बढ़ाने के लिए समूहों के आय के स्रोत बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है.
हर साल इतनी महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य
बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार का लक्ष्य है कि इस योजना के तहत देशभर में महिला स्वयं सहायता समूहों में शामिल तीन करोड़ सदस्यों के परिवारों की हर साल आय बढ़ाकर कम से कम एक लाख या उससे अधिक करना है. इनमें यूपी में हर साल 2026-27 तक 28.92 लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा गया है. जानकारी के मुताबिक, यूपीएसआरएलएम ने बीते साल 75 लाख स्वयं सहायता समूह सदस्यों की वार्षिक पारिवारिक आय का सर्वे कराया. इसके बाद इन परिवारों के कम से कम एक या दो या उससे अधिक सदस्यों को आजीविका के स्रोत से जोड़ने की कोशिश की जा रही है.
इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार ने केंद्र, राज्य, जिला और विकासखंड स्तर पर समन्वय समितियों को गठन किया है. इसके साथ ही 34,269 से अधिक लखपति कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन (CRP) भी बनाए गए हैं. इसके साथ ही सरकार रेशम विभाग, कृषि विभाग, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग, पंचायती राज, राजस्व विभाग (आपदा प्रबंधन), पशु पालन, मनरेगा, सहकारिता, समाज कल्याण, मत्स्य, पर्यटन तथा भूमि संरक्षण जैसे विभागों को साथ लेकर महिलाओं की आजीविका संवर्धन के क्षेत्र में काम किया जा रहा है.
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