logo-image

UP में नहीं होगी कावड़ यात्रा, प्रदेश सरकार की अपील पर कांवड़ संघ का फैसला

उत्तर प्रदेश में इस बार कांवड़ यात्रा ( kanwar yatra 2021 Pradesh)   का आयोजन नहीं किया जाएगा

Updated on: 17 Jul 2021, 11:10 PM

highlights

  • कोरोना संक्रमण की आशंका के चलते इस साल भी कांवड़ यात्रा स्थगित है
  • कांवड़ यात्रा को लेकर यूपी सरकार ने कांवड़ संघों से संवाद कर फैसला लिया
  • इस साल भी कोरोना महामारी के कारण उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा नहीं होगी

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश में इस बार कांवड़ यात्रा ( kanwar yatra 2021 ) का आयोजन नहीं किया जाएगा. कांवड़ संघ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ( CM Yogi Adityanath ) से बातचीत के बाद इसकी घोषणा की. कांवड़ संघ (Kanwar Sangh)  ने कहा कि इस बार श्रावण मास में आयोजित होने वाली पवित्र कावड़ यात्रा नहीं निकाली जाएगी. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को पुनर्विचार करने का दिया था. मुख्यमंत्री के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और डीजीपी मुकुल गोयल ने कांवड़ संघ के साथ बातचीत की. जिसके बाद यह फैसला लिया गया.

यह भी पढ़ें : नवजोत सिंह सिद्धू बनेंगे पंजाब कांग्रेस के नए अध्यक्ष, साथ में 4 कार्यकारी अध्यक्ष

आपको बता दें कि कोरोना संक्रमण की आशंका के चलते इस साल भी कांवड़ यात्रा स्थगित है. कांवड़ यात्रा को लेकर यूपी सरकार ने कांवड़ संघों से संवाद कर फैसला लिया है कि इस साल भी कोरोना महामारी के कारण कांवड़ यात्रा नहीं होगी. बता दें कि मुख्यमंत्री ने अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल को कांवड़ यात्रा के मद्देनजर दूसरे राज्यों से बातचीत करने के निर्देश दिए थे. पिछले साल कांवड़ संघों ने सरकार के साथ बातचीत के बाद खुद ही यात्रा स्थगित कर दी थी. इस बार भी सरकार ने संघों की सहमति से ही यह फैसला लिया है. हालांकि, यूपी सरकार चाहती थी कि इस बार कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध न लगे। बल्कि कोविड प्रोटोकॉल के तहत यात्रा निकाली जाए। मगर उत्तराखंड सरकार ने बाहर से आने वाले कांवड़ियों के राज्य में प्रवेश पर रोक लगा दी है.

यह भी पढ़ें : बॉलीवुड भूषण कुमार रेप केसः एक स्थानीय नेता और आरोप लगाने वाली लड़की पर FIR दर्ज

वहीं यूपी सरकार ने कांवड़ यात्रा को लेकर पहले अनुमति दे दी थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर 19 जुलाई तक कांवड़ यात्रा को लेकर जवाब दाखिल करने को कहा था. कोर्ट ने कहा था कि एक बात पूरी तरह से साफ है कि हम कोविड के मद्देनजर उत्तर प्रदेश सरकार को कांवड़ यात्रा में लोगों की 100 फीसदी उपस्थिति के साथ आयोजित करने की इजाजत नहीं दे सकते। हम सभी भारत के नागरिक हैं. यह स्वत: संज्ञान मामला इसलिए लिया गया है, क्योंकि अनुच्छेद 21 हम सभी पर लागू होता है। यह हम सभी की सुरक्षा के लिए है.

ये भी पढ़ें- 'गलत तरीके से छूते थे लोग', भारती सिंह ने बयां किया अपना दर्द


उधर, कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका के चलते अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने कांवड़ संघों से अपील की है कि वह इस बार कांवड़ यात्रा पर नहीं निकालें. परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि तथा महामंत्री हरिगिरि ने कहा कि कांवड़िये सांकेतिक तौर पर यह आयोजन करें। वह घर के आसपास शिवालयों में जलाभिषेक कर सकते हैं. तीसरी लहर आने की संभावना को देखते हुए कांवड़ यात्रा स्थगित करना ही ठीक है. शिव भक्तों से मेरा निवेदन है कि आप अपने गांव के शिवालयों में गंगाजल का अभिषेक करें या फिर अपने घरों में शिवलिंग की स्थापना करके गंगाजल का अभिषेक करें.