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Kanpur Encounter Case: बेरहमी से हुई पुलिसकर्मियों की हत्या, गोली मारने के बाद काटा पैर

कानपुर के बिकरू नरसंहार में शहीद हुए पुलिसकर्मियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि CO देवेंद्र मिश्रा समेत सभी पुलिसकर्मियों की बड़ी ही बेरहमी से हत्या की गई थी

Updated on: 14 Jul 2020, 10:04 AM

नई दिल्ली:

कानपुर के बिकरू नरसंहार में शहीद हुए पुलिसकर्मियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि CO देवेंद्र मिश्रा समेत सभी पुलिसकर्मियों की बड़ी ही बेरहमी से हत्या की गई थी. हत्या करने के लिए धारधार हथियारों का भी इस्तेमाल किया गया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक CO देवेंद्र मिश्रा को 4 गोली मारी गई, जिसमे से तीन उनके शरीर से पार हो गई. 1 गोली सर में, एक छाती में और 2 पेट में मारी गई. इसके अलावा उनके पैर को भी काटा गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट की माने तो सभी गोली प्वाइंट ब्लैंक रेंज से मारी गई. इसके अलावा 3 पुलिसकर्मियों को सिर पर और 1 को चेहरे पर गोली है.

वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुए गोलीकांड के मुख्य आरोपी कुख्यात अपराधी विकास दुबे (Vikas Dubey) के एक कथित मुठभेड़ में मारे जाने के बाद अब इसके अपराध गाथा की जांच शुरू हो गई है. अधिकारी विकास की अपराध फाइलें खंगालने में लगे गए हैं तो उधर सरकार ने कानपुर कांड की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन कर दिया है. वहीं प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) के जरिए दुबे द्वारा जमा की गई संपत्तियों के विवरण जुटाने शुरू कर दिए हैं. ईडी उसकी संपत्तियों और लेन-देन के ब्यौरे की जांच करेगा.

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कानपुर में हुए गोलीकांड को लेकर योगी सरकार ने इस पूरे मामले की जांच के लिए मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में एक एसआईटी का गठन किया है. इस एसआईटी में एडीजी हरिराम शर्मा और डीआईजी जे. रविन्द्र गौड़ भी शामिल हैं. एसआईटी घटना से जुड़े विभिन्न बिन्दुओं और प्रकरण की गहन अभिलेखीय और स्थलीय जांच कर 31 जुलाई तक शासन को रिपोर्ट सौंपेगी.

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एसआईटी के जरिए विकास दुबे और पुलिस के रिश्तों के साथ उस पर अब तक एक्शन न होने के कारणों की भी जांच की जाएगी. इसके अलावा विकास दुबे के एक साल के कॉल रिकॉर्ड की भी जांच होगी. एसआईटी के जरिए जांच की जाएगी कि विकास दुबे के खिलाफ अब तक जितने भी मामले थे उन पर कितनी प्रभावी कार्रवाई की गई. वहीं विकास दुबे के खिलाफ आई शिकायतों पर थानाध्यक्ष चौबेपुर और जनपद के अन्य अधिकारियों के जरिए क्या जांच की गई और क्या कार्रवाई हुई, इसका पता लगा जाएगा.