प्रयागराज में महाकुंभ का भव्य आयोजन हो रहा है. महाकुंभ जाने के लिए रेलवे स्टेशनों पर भारी भीड़ हो रही है. बहुत से लोग तो एसी डिब्बों को तो छोड़िए, लोको पायलट की कैबिन तक में घुसने की कोशिश कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि उन्हें कैसे भी करके एक बार महाकुंभ जाना है.
बता दें, रेलवे यात्रा करने के दो तरीके होते हैं- पहला आरक्षित डिब्बे में और दूसरा अनारक्षित डिब्बे में. आरक्षित डिब्बे में स्लीपर और एसी कोच होते हैं. इन सीटों को पहले ही बुक करवाना होता है. कोई भी व्यक्ति बिना रिजर्वेशन के इनमें यात्रा नहीं कर सकता है. एसी कोच में बिना टिकट सफर करने के सख्त नियम हैं. कोई व्यक्ति अगर बिना रिजर्वेशन के एसी कोच में घुसता है तो उस पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है.
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जेल की सजा भी हो सकती है
लेकिन महाकुंभ जाने वाले लोग जबरन एसी कोच में घुसने की कोशिश करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं, ऐसा करने वाले लोगों के खिलाफ क्या कार्रवाई हो सकती है. रेलवे के नियमों के अनुसार, ऐसा करना गलत है. रेलवे अधिनियम 1989 के तहत ऐसे लोगों पर जुर्माना लगाया जा सकता है. जुर्माने की राशि एसी कोच में घुसने वाले स्टेशन के हिसाब से तय होती है. ऐसे व्यक्तियों को जेल भी हो सकती है.
कोई बिना टिकट एसी डिब्बे में घुसा तो?
अगर कोई व्यक्ति बिना टिकट के ही एसी कोच में घुसने की कोशिश करता है तो पहले उसे 250 रुपये का जुर्माना भरना होगा, फिर यात्री जिस स्टेशन से चढ़ा है और जिस स्टेशन पर वह पकड़ा गया है, उसे वहां तक का किराया देना पड़ेगा.
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कोई हिंसक तरीके से ट्रेन में घुसा तो?
इसके अलावा, मान लीजिए अगर कोई व्यक्ति हिंसक तरीके से ट्रेन के एसी कोच में घुसने की कोशिश करता है तो रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स को बुलाकर उसे बाहर निकलवा दिया जाएगा. दूसरे यात्रियों की जान को खतरे में डालने के आरोप में उसे जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है.