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Hindutva: भगवा सियासत के सबसे बड़े शिल्पकार क्यों कहे जाते हैं सीएम योगी, जानें Point में

हम आज आपको बताएंगे कि आखिर क्यों सीएम योगी आदित्यनाथ को हिंदुत्व का सबसे बड़ा ब्रॉड एम्बेसडर माना जाता है. साथ ही हम सीएम योगी के द्वारा लिए गए उन फैसलों की भी बात करेंगे, जो जो उनको हिंदूवादी नेता बताती है.

Updated on: 06 Oct 2022, 06:07 PM

नई दिल्ली:

हम आज आपको बताएंगे कि आखिर क्यों सीएम योगी आदित्यनाथ को हिंदुत्व का सबसे बड़ा ब्रॉड एम्बेसडर माना जाता है. साथ ही हम सीएम योगी के द्वारा लिए गए उन फैसलों की भी बात करेंगे, जो जो उनको हिंदूवादी नेता बताती है. दोस्तों, उत्तर प्रदेश में योगी सरकार को आए हुए करीब 6 साल हो गए हैं. अगर उनके इन 6 सालों के कार्यकाल को देखा जाए तो उन्होंने अपने कार्यकाल में एक से बढ़कर एक फैसले लिए हैं. लेकिन उनके द्वारा लिए गए कुछ ऐसे भी फैसले हैं, जो उन्हें हिंदूवादी नेता का सबसे बड़ा शिल्पकार भी बताती है. 

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आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि शुरू से ही हिंदूवादी नेता की रही है. यूपी की बागडोर संभालने के बाद भी उनकी यह छवि नहीं बदली है और उनके एजेंडे से हिंदुत्व गायब नहीं हुआ है. इन 6 साल में सीएम योगी ने न सिर्फ अयोध्या-मथुरा-काशी पर फोकस किया बल्कि दूसरे कई मसलों पर कड़ाई से एक्शन लिया, जिसे हिंदुत्व के एजेंडे से ही जोड़कर देखा गया है.

गौ हत्या विरोधी कानून
 
सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपी की सत्ता पर काबिज होते ही सबसे पहले गौहत्या की रोकथाम के लिए सख्त कदम उठाए थे. इस दिशा में योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश गौवध निवारण कानून बनाया, जिसके तहत गौहत्या पर 3 से 10 साल की सजा और गौवंश को शारीरिक तौर पर नुकसान पहुंचाने पर पौने दो साल की सजा का प्रावधान है. यूपी में तमाम अवैध स्लाटर हाउस बंद कर दिए गए हैं. सीएम योगी गौहत्या कानून का देश के दूसरे राज्यों में बीजेपी की रैली में जाकर प्रचार-प्रसार भी करते हैं. यूपी की तर्ज पर कर्नाटक में भी ऐसा ही कानून बनाया गया. इसके बाद हरियाणा की सरकार ने भी गौहत्या के खिलाफ यूपी की तरह सख्त कानून बनाया है. 

दुनिया की सबसे ऊंची भगवान राम की प्रतिमा भी लगाई
 
मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही योगी का अयोध्या-मथुरा-काशी के विकास पर खास फोकस रहा. इस दौरान उन्होंने फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या रखा और दुनिया की सबसे ऊंची भगवान राम की प्रतिमा भी लगाई. योगी सरकार सत्ता में जब से आई है तब से हर साल अयोध्या में सरयू के तट पर दीयो को प्रज्जवलित कर भव्य दिवाली मनाई जा रही है, जिसमें सीएम योगी खुद अपनी पूरी कैबिनेट के साथ शामिल होते हैं. सीएम बनने के बाद तो उन्होंने अयोध्या में सरयू नदी की भी आरती शुरू करवाई. वहीं, मथुरा में जाकर जन्माष्टमी और होली योगी मनाते हैं. योगी सरकार ने अयोध्या में भव्य राममंदिर निर्माण के लिए करीब 150 एकड़ जमीन का लैंडबैंक भी बनाया. इसके अलावा अयोध्या से लेकर चित्रकूट तक राम सर्किट बनाया जा रहा है. 

गंगा नदी के गांवों में गंगा चबूतरा
 
सीएम बनने के बाद गंगा यात्रा के बहाने योगी सरकार ने अपने हिंदुत्व एजेंडे को और धार देने का काम किया. साथ ही सीएम योगी ने गंगा नदी के किनारे जगह-जगह आरती शुरू कराने का प्लान बनाया और राज्य सरकार गंगा किनारे वाले गांवों में गंगा चबूतरा भी बनवाया.  

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योगी का धर्मांतरण विरोधी कानून
 
योगी सरकार जबरन होने वाले धर्मांतरण के खिलाफ उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्मांतरण प्रतिषेध अध्यादेश-2020 लेकर आई है. इसे 'एंटी लव जिहाद कानून' के तौर पर ज्यादा प्रचारित किया गया. इस कानून के मुताबिक, अगर यह साबित हो जाता है कि धर्म परिवर्तन की मंशा से शादी की गई है तो दोषी को 10 साल तक की सजा दी जा सकती है. इसके तहत जबरन, लालच देकर या धोखाधड़ी से धर्म परिवर्तन कराने को भी गैर जमानतीय अपराध माना गया है.  

कांवड़ियों पर हेलीकॉप्टर से फूलों की बारिश
 
योगी सरकार सूबे भर में कांवड़ियों पर एक तरफ मेहरबान नजर आई तो वहीं दूसरी तरफ सावन के महीने में कांवड़ियों के रूट पर मांस की बिक्री पर रोक लगाने का काम किया. कांवड़ियों पर हेलीकॉप्टर से फूल बरसाने का काम योगी सरकार के राज में हुआ. साथ ही कांवाड़ियों की सुरक्षा के लिए योगी सरकार ने ड्रोन कैमरे से लेकर एंटी टेररिस्ट स्क्कॉड से निगरानी करने का काम भी कराया. 

गणतंत्र दिवस पर दिल्ली की परेड में राम मंदिर की झांकी को भेजा 

योगी ने गणतंत्र दिवस पर दिल्ली की परेड में राम मंदिर की झांकी को भेजा, जिसे प्रथम पुरस्कार मिला. इसके बाद इस झांकी को यूपी के गांव-गांव में घुमाया गया.