श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में मथुरा की जिला अदालत में आज सुनवाई

उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद के श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर में 17वीं शताब्दी में बनी शाही ईदगाह को हटाने से संबंधित मामले में आज जिला अदालत में सुनवाई होगी.

author-image
Dalchand Kumar
New Update
Krishna Janmabhoomi

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में मथुरा की जिला अदालत में आज सुनवाई( Photo Credit : फ़ाइल फोटो)

उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद के श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर में 17वीं शताब्दी में बनी शाही ईदगाह को हटाने से संबंधित मामले में आज जिला अदालत में सुनवाई होगी. आज अब इस मामले में प्रतिवादी अपना पक्ष प्रस्तुत करेंगे. 12 अक्टूबर को वादी की ओर से जिला न्यायाधीश साधना रानी ठाकुर की अदालत में अपील दायर की गई थी. जिला न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई करते हुए प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था.

Advertisment

यह भी पढ़ें: बीजेपी के नए प्रदेश प्रभारियों को जेपी नड्डा देंगे मंत्र, आज बुलाई बैठक 

इससे पहले श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मामले में पक्षकार बनने के लिए तीर्थ पुरोहितों एवं एक सामाजिक संगठन ने जिला अदालत में दो अलग-अलग याचिकाएं दाखिल की थीं. याचिकाकर्ताओं ने अदालत से अनुरोध किया कि ईदगाह हटाने संबंधी वाद को अनुमति नहीं दी जाए, क्योंकि इससे देश में सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है. याचिकाओं में कहा गया, क्योंकि इस मामले से वह लोग सीधे तौर पर प्रभावित होते हैं, इसलिए इसकी सुनवाई के दौरान उनकी बात भी अवश्य सुनी जाए.

अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा की ओर से दाखिल याचिका में उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पाठक एवं उपाध्यक्ष नवीन नागर पक्षकार हैं, तो श्री माथुर चतुर्वेद परिषद द्वारा दाखिल की गई याचिका में उसके महामंत्री एवं वकील राकेश तिवारी एवं संजीव चतुर्वेदी याचिकाकर्ता हैं. तीर्थ पुरोहित महासभा ने कई कारण बताते हुए कहा था कि यदि इस अपील को अस्वीकार कर मूल वाद को सुनवाई हेतु अंगीकार किया गया तो इस अपील पर निर्णय से प्रार्थीगण प्रभावित होंगे.

यह भी पढ़ें: म्यांमार और भारत में हथियार धकेल रहा चीन, क्षेत्रीय सुरक्षा को खतरा

गौरतलब है कि इससे पूर्व सितंबर महीने में लखनऊ निवासी रंजना अग्निहोत्री सहित आधा दर्जन कृष्ण भक्तों ने मथुरा की अदालत में भगवान श्रीकृष्ण की ओर से याचिका दाखिल कर मांग की थी कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और शाही ईदगाह प्रबंधन समिति के मध्य 1968 में किया गया समझौता पूरी तरह से अविधिपूर्ण है, इसलिए उसे निरस्त कर ईदगाह की भूमि श्रीकृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट को वापस कर दी जाए. उन्होंने इस मामले में उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, शाही ईदगाह प्रबंधन समिति, श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट एवं श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान को प्रतिवादी बनाया.

याचिकाओं के पैरवीकर्ताओं का यह भी कहना था कि केंद्र सरकार द्वारा 18 सितम्बर 1991 को लागू किए गए उपासना स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम 1991 के अनुसार 15 अगस्त 1947 तक अस्तित्व में आए हुए किसी भी धर्म के पूजा स्थल को एक आस्था से दूसरे धर्म में परिवर्तित करने और किसी स्मारक को धार्मिक आधार पर रखरखाव पर रोक लगाई गई है, के प्रावधानों में बाधित है तथा दायर ही नहीं किया जा सकता है. ये वाद इन्हीं आधारों पर इसी स्तर पर निरस्त होने योग्य है. इस मामले में सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत से मूलवाद खारिज हो गया था, ऐसे में 12 अक्टूबर को वादी की ओर से जिला न्यायाधीश साधना रानी ठाकुर की अदालत में अपील दायर की गई थी.

Source : News Nation Bureau

mathura Shri Krishna Janmabhoomi मथुरा
      
Advertisment