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UP कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की जमानत अर्जी पर सुनवायी एक जून तक टली

सांसदों और विधायकों से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए बनी एक विशेष अदालत ‘एमपी-एमएलए कोर्ट’ के विशेष न्यायाधीश पी. के. राय ने बस विवाद में शनिवार को UP कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की जमानत अर्जी पर सुनवाई एक जून (सोमवार) तक टाल दी.

Updated on: 31 May 2020, 08:49 AM

लखनऊ:

सांसदों और विधायकों से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए बनी एक विशेष अदालत ‘एमपी-एमएलए कोर्ट’ के विशेष न्यायाधीश पी. के. राय ने बस विवाद में शनिवार को उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की जमानत अर्जी पर सुनवाई एक जून (सोमवार) तक टाल दी. अदालत ने यह आदेश जिला शासकीय अधिवक्ता मनोज त्रिपाठी की ओर से पेश इस तर्क के मद्देनजर पारित किया कि, ‘‘इस मामले की विवेचना तीन टीम कर रही हैं. मामले के विवेचक भी उन्ही टीमों के साथ जांच के लिये बाहर गए हुए हैं. अतः इस मामले की अब तक कि विवेचना का ब्यौरा पेश करने के लिये अभियोजन पक्ष को और समय की आवश्यकता है.’’

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इस पर अदालत ने सुनवाई के लिए अगली तारीख एक जून तय कर दी. साथ ही अदालत ने अभियोजन पक्ष को उस दिन मामले की विवेचना से संबंधित जानकारी पेश करने को कहा है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू बस विवाद में जेल में हैं. उन्हें 20 मई को आगरा में अवैध रूप से धरना-प्रदर्शन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था लेकिन उन्हें उसी दिन जमानत मिल गयी. हालांकि इसके तुरंत बाद लखनऊ पुलिस ने उन्हें दूसरे मामले में गिरफ्तार कर लिया.

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उन पर आरोप है कि बसों के कागजों में फर्जीवाड़ा किया गया. प्रदेश कांग्रेस द्वारा जारी एक बयान के अनुसार अजय कुमार लल्लू की रिहाई के लिए और राज्य की योगी सरकार के खिलाफ भारतीय युवा कांग्रेस के सचिव एवं प्रदेश प्रभारी मनीष चौधरी के निर्देश पर पूरे प्रदेश में आज हवन यज्ञ का आयोजन किया गया. इसी क्रम में प्रदेश की राजधानी लखनऊ के प्रदेश युवा कांग्रेस कार्यालय में ‘‘सद्बुद्धि’ हवन यज्ञ का आयोजन हुआ.

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हवन यज्ञ के द्वारा सभी युवा कांग्रेसजनों ने प्रदेश अध्यक्ष की तत्काल रिहाई के लिए योगी सरकार को सद्बुद्धि प्रदान करने के लिए ईश्वर से कामना की गई. इस बीच प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इस मामले पर कहा, ‘‘कांग्रेस ने फोटो खिंचवाने के लिये अजय कुमार लल्लू को भेजा था और उन्होंने महामारी अधिनियम को गंभीरता से नहीं लिया.

इसी वजह से उनके खिलाफ मामला दर्ज हुआ है. यह एक न्यायिक प्रक्रिया है और इसमें प्रदेश सरकार का कोई लेना देना नही है, अगर अदालत उन्हें जमानत दे देती है तो वह रिहा हो जायेंगे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरा सोचना है कि कांग्रेस के कुछ नेताओं ने साजिश के तहत लल्लू जी को आगे कर दिया, इसलिये वह जेल चले गये. उप्र सरकार और पुलिस की मंशा उनके खिलाफ नहीं है. हमारी पूरी सहानुभूति उनके (लल्लू जी) के साथ है.''