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कोविड-19 एक चुनौती है, लेकिन बड़ा अवसर भी: रवि शंकर प्रसाद

सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने शनिवार को कहा कि कोरोना वायरस एक बड़ी चुनौती है, लेकिन इसके साथ ही यह प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक बड़ा अवसर भी उपलब्ध कराता है.

Updated on: 30 May 2020, 11:22 PM

दिल्ली:

सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने शनिवार को कहा कि कोरोना वायरस एक बड़ी चुनौती है, लेकिन इसके साथ ही यह प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक बड़ा अवसर भी उपलब्ध कराता है. भारतीय लोग इसका फायदा उठाते हुये देश को महान राष्ट्र बना सकते हैं. आईटी मंत्री ने इस अवसर पर एक राष्ट्रीय स्तर का कृत्रिम मेधा पोर्टल जारी किया.

यह पोर्टल भारत में उभरती प्रौद्योगिकीयों के विकास के लिये उपलब्ध सभी संसाधनों और नये घटनाक्रमों की जानकारी उपलब्ध करायेगा. प्रसाद ने इस अवसर पर अमेरिका के इलेक्ट्रोनिक चिप निर्माता इंटेल के साथ मिलकर ‘‘युवाओं के लिये जवाबदेह कृत्रिम मेधा’’ के राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम की भी शुरुआत की. प्रसाद ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि कोविड- 19 एक बड़ी चुनौती है. यह बड़ा दर्द भी है लेकिन कोविड एक बड़ा अवसर भी है, लेकिन मुझे भारतीयों की प्रौद्योगिकीय और उद्यमशील योग्यता को लेकर लेश मात्र भी शंका नहीं है. भारतीय चाहे वह व्यक्तिगत तौर पर या फिर समूहों में हों, आगे आकर भारत को इसमें बड़ी सफलता दिलायेंगे.’’

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मंत्री ने कहा कि उन्हें इस बात को लेकर बड़ी उम्मीद है कि भारत साफ्टवेयर उत्पाद का बड़ा राष्ट्र बनेगा, साथ ही वह सूचना प्रौद्योगिकी सेवाओं के क्षेत्र में अग्रणी भी बनेगा. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान प्रौद्योगिकी ने बड़ी भूमिका निभाई है. प्रौद्योगिकी के चलते ही देश जीवंत रहा और एक दूसरे से जुड़ा रहा.

उन्होंने कहा कि यह देश के लिये काफी संकटपूर्ण समय है लेकिन इस दौरान लॉकडाउन की वजह से ही कई जानें बच सकी हैं. प्रसाद ने कहा, ‘‘इन 15 देशों की कुल आबादी 142 करोड़ है. भारत की कुल जनसंख्या 137 करोड़ है. इन 15 देशों में कोरोना वायरस से कितने लोगों की मौत हुई .

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विश्व स्वास्थ्य संगठन के कल शाम के आंकड़ों के मुताबिक यह संख्या 3,57,736 रही. भारत की आबादी 137 करोड़ है और कल तक यह मृतकों की संख्या 4,971 रही. यह लॉकडाउन की वजह से ही संभव हो पाया.’’ प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री राहत कोष से गरीब और जरूरतमंदों को 53,000 करोड़ रुपये आनलाइन हस्तांतरित किये गये.