ज्ञानवापी मामला: वाराणसी कोर्ट में आज नहीं रखी जाएगी सर्वे रिपोर्ट, मांगा जा सकता है 3 दिन का समय
वाराणसी ज्ञानवापी मस्जिद केस में 17 मई तक सर्वे रिपोर्ट पेश करनी थी लेकिन कोर्ट में आज रिपोर्ट पेश नहीं हो पाएगी. ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का काम 16 मई को पूरा कर लिया गया था. जिसमें हिंदू पक्ष का दावा है कि उनका विश्वास और बढ़ा है.
highlights
- वाराणसी कोर्ट में आज नहीं पेश हो पाएगी सर्वे रिपोर्ट
- सर्वे का रिपोर्ट बनाने में लग रहा है समय
- इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई
वाराणसी:
वाराणसी ज्ञानवापी मस्जिद केस में 17 मई तक सर्वे रिपोर्ट पेश करनी थी लेकिन कोर्ट में आज रिपोर्ट पेश नहीं हो पाएगी. ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का काम 16 मई को पूरा कर लिया गया था. जिसमें हिंदू पक्ष का दावा है कि उनका विश्वास और बढ़ा है. इस बीच खबर आ रही है कि सर्वे की रिपोर्ट का काम पूरा नहीं हो पाया है, लिहाजा कोर्ट से तीन दिनों की मोहलत मांगी जाएगी. बता दें कि 16 मई तक चले तीन दिन के सर्वे का काम पूरा हो चुका है, अब कोर्ट में उसकी रिपोर्ट जमा करानी है, जो अभी तैयार नहीं हो पाई है.
ज्ञानवापी मामले में सहायक कोर्ट कमिश्नर अजय सिंह ने इस बात की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि सर्वे रिपोर्ट को तैयार करने में थोड़ा और समय लगेगा. आज कोर्ट से रिपोर्ट सबमिट करने के लिए तीन दिन का और समय मांगा जाएगा. ये पेचीदा और संवेदनशील मामला है, इसलिए रिपोर्ट तैयार करने में समय लग रहा है.
ये भी पढ़ें: ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे पर BJP ने ओवैसी- मुफ्ती को इतिहास पढ़ने का दिया सुझाव
इस बीच, ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा. वाराणसी के अंजुमन इंतजामिया मस्जिद की मैनेजमेंट कमेटी ने ये याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कि सर्वे की इजाजत वाला आदेश प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट के खिलाफ है. बता दें कि 1991 में बना पूजास्थल कानून (विशेष प्रावधान) कहता है कि पूजा स्थलों की जो स्थिति 15 अगस्त 1947 को थी, वही कायम रहेगी. सिर्फ अयोध्या के राम जन्मभूमि मामले को ही इस कानून से छूट दी गई है. इस कानून के मुताबिक, अयोध्या मामले के अलावा किसी अन्य पूजास्थल का धार्मिक स्वरूप बदलने की मांग करते हुए अदालत में केस नहीं चलाया जा सकता. हालांकि इस कानून की वैधानिकता को चुनौती सुप्रीम कोर्ट में पहले ही चुनौती दी जा चुकी है, जिस पर सुनवाई होनी है.
मां श्रृंगार गौरी मंदिर में पूजा को लेकर शुरू हुआ था मामला
गौरतलब है कि ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें उसने परिसर की वीडियोग्राफी कराने के निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. निचली अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद से सटे मां श्रृंगार गौरी मंदिर में साल भर पूजा करने का अधिकार मांगते हुए पांच हिंदू महिलाओं की तरफ से दाखिल याचिका पर पिछले महीने परिसर की वीडियोग्राफी सर्वे कराने का आदेश दिया था.
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