धर्मांतरण प्रतिषेध कानून के तहत बरेली में पहला मामला दर्ज, उवैश अहमद पर लगे गंभीर आरोप
लड़की के पिता ने गांव के ही उवैश अहमद नाम के शख्स पर बेटी को ‘‘बहला फुसलाकर’’ धर्मांतरण की कोशिश करने का आरोप लगाया है.
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में धर्मांतरण प्रतिषेध कानून के तहत शनिवार को पहला मामला दर्ज किया गया. अधिकारियों ने बताया कि मामला बरेली जिले के देवरनियां थाने में दर्ज किया गया. उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी की ओर से रविवार को जारी बयान के अनुसार देवरनियां पुलिस थाने (बरेली) के अंतर्गत शरीफ नगर गांव के टीकाराम ने यह मामला दर्ज कराया है, जिसमें उसने उसी गांव के उवैश अहमद नाम के एक व्यक्ति पर उनकी बेटी को ‘‘बहला फुसलाकर’’ धर्मांतरण की कोशिश करने का आरोप लगाया.
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धर्मांतरण की कोशिश के आरोप में उवैश अहमद के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और नए जबरन धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने ‘उत्तर प्रदेश विधि विरूद्ध धर्म संपविर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020’ को शनिवार को मंजूरी दे दी.
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में पिछले मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में इस अध्यादेश को मंजूरी दी गई थी. इसमें विवाह के लिए छल, कपट, प्रलोभन देने या बलपूर्वक धर्मांतरण कराए जाने पर अधिकतम 10 वर्ष कारावास और जुर्माने का प्रावधान किया गया है.
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