प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन हो रहा है. महाकुंभ में देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु आ रहे हैं. इस बीच महाकुंभ में सोमवार को धर्म संसद का आयोजन हुआ. धर्म संसद का अखाड़ों ने बॉयकॉट कर दिया. 13 प्रमुख अखाड़ों में से अधिकतर अखाड़े वहां मौजूद ही नहीं थे. खुद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी महाराज भी धर्म संसद में नहीं आए.
इस दौरान, धर्म संसद को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे किसी पद की जरुरत नहीं है. लोगों में चर्चा है कि मुझे सनातन बोर्ड का अध्यक्ष बनना है. मैं इसलिए ये सब कर रहा हूं तो मैं साफ करना चाहता हूं कि मुझे किसी पद और प्रतिष्ठा की कोई आवश्यकता नहीं है. मैं शपथ खाता हूं कि मुझे पद की कोई इच्छा नहीं है. मैं तो सिर्फ सनातन की रक्षा करना चाहता हूं. ठाकुर ने जगद्गुरु विद्या भास्कर और जगद्गुरु श्रीजी महाराज को एक शपथ पत्र सौंपा. उसमें उन्होंने सनातन बोर्ड में कोई भी पद न लेने की बात दोहराई
धर्म संसद में कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर ने कहा कि वक्फ बोर्ड कहता है कि प्रयागराज की कुंभ भूमि हमारी है. एक दिन वक्फ बोर्ड कह देगा कि पूरा भारत हमारा है. तब कहां जाओगे.
हिंदू हक लेकर ही रहेंगे
देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि क्या पाकिस्तान में हिंदू बोर्ड है…नहीं, क्या बांग्लादेश में हिंदू बोर्ड है…नहीं तो भारत में वक्फ बोर्ड क्या कर रहा है. हिंदुओं ने बहुत सह लिया है. अब हिंदू हक लेकर ही रहेंगे.
देवकीनंदन ने आगे कहा कि कुंभ की व्यवस्था 2013 में उन्हें दी गई थी, जो 15 मिनट का चैलेंज देते थे. अगर आप देखना चाहते हैं तो आकर देख लो, हमारे तो नागा साधु ही काफी हैं. मिलिट्री और सेना की तो जरुरत ही नहीं पड़ेगी.
मथुरा का फंक्शन तो बाकी है
उन्होंने धर्मसंसद में मांग की कि सरकारी संरक्षण से मंदिर मुक्त हों. भगवान को क्या भोग लगना है, ये जिला अधिकारी तय करते हैं लेकिन असल में ये काम अचार्यों का है. ठाकुर ने कहा कि राम मंदिर तो बस छोटी सी झांकी है. मथुरा का पूरा फंक्शन को अभी बाकी ही है.