उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस (CoronaVirus Covid-19) के हालात और मरीजों की संख्या को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने योगी सरकार पर सवालिया निशान उठाया हैं. प्रिंयका गांधी ने प्रदेश में कोरोना की स्थिति को लेकर यूपी सरकार को पत्र भी लिखा है. इसमें उन्होंने राज्य की कोरोना व्यवस्था पर कुछ प्रदेश की सरकार से कुछ सवाल पूछा है. इसके साथ ही सहयोग की बात भी कही हैं. उन्होंने यूपी सरकार को कांग्रेस के समर्थन की बात भी कही हैं.
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प्रियंका गांधी ने सीएम योगी को भेजे जाने वाले पत्र को ट्विट करते हुए लिखा, 'यूपी में कोरोना की रफ्तार बढ़ने के साथ-साथ भयानक दिक्कतें सामने आ रही हैं. बेड की बड़ी किल्लत है. अस्पतालों के बाहर लंबी लाइन है. मौत के आंकड़ें बढ़ रहे हैं. कानपुर लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी से बदहाली की खबरें हैं. उन्होंने आगे कहा, 'मैंने सीएम साहेब को पत्र लिखकर कुछ सकारात्मक सुझाव दिए हैं. यूपी सरकार को हठ छोड़कर एक पारदर्शी और जनहित वाली नीति अपनाने की जरूरत है.'
यूपी में कोरोना की रफ्तार बढ़ने के साथ-साथ भयानक दिक्कतें सामने आ रही हैं. बेड की बड़ी किल्लत है. अस्पतालों के बाहर लंबी लाइन है. मौत के आंकड़ें बढ़ रहे हैं. कानपुर लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी से बदहाली की खबरें हैं.
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 25, 2020
मैंने सीएम साहेब को पत्र लिखकर कुछ सकारात्मक सुझाव दिए हैं...1/2 pic.twitter.com/8e6x4Jhf24
प्रियंका ने लिखा है कि लगता है आपकी सरकार ने 'नो टेस्ट नो कोरोना' को मंत्र मान कर लो टेस्टिंग की पलिसी अपना रखी है. प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि उप्र में कल कोरोना के 2500 केस आए और लगभग सभी महानगरों में कोरोना मामलों की बाढ़ सी आई है. अब तो गांव देहात भी इससे अछूते नहीं है. साफ प्रतीत होता है कि आपकी सरकार ने 'नो टेस्ट नो कोरोना' को मंत्र मानकर लो टेस्टिंग की पालिसी अपना रखी है. अब एकदम से कोरोना मामलों के विस्फोट की स्थिति है. जब तक पारदर्शी तरीके से टेस्ट नहीं बढ़ाए जाएँगे तब तक लड़ाई अधूरी रहेगी व स्थिति और भी भयावह हो सकती है.
उन्होंने लिखा कि यूपी में क्वारंटीन सेंटर और अस्पतालों की स्थिति बड़ी दयनीय है. कई जगह की स्थिति इतनी खराब है कि लोग कोरोना से नहीं, सरकार की व्यवस्था से डर रहे हैं. इसी कारण लोग टेस्ट के लिए सामने नहीं आ रहे हैं. कोरोना का डर दिखाकर पूरे तंत्र में भ्रष्टाचार भी पनप रहा है. जिस पर अगर समय रहते लगाम न कसी गई तो कोरोना की लड़ाई विपदा में बदल जाएगी.
प्रियंका ने आगे लिखा कि सरकार ने दावा किया था कि 1़5 लाख बेड की व्यवस्था है लेकिन लगभग 20,000 सक्रिय संक्रमित केस आने पर ही बेडों को लेकर मारामारी मच गई है. अगर अस्पतालों के सामने भयंकर भीड़ है तो मैं यह नहीं समझ पा रही हूं कि यूपी सरकार मुंबई और दिल्ली की तर्ज पर अस्थाई अस्पताल क्यों नहीं बनवा रही है? चिकित्सीय सुविधा पाना हर नागरिक का मौलिक अधिकार है.
प्रियंका ने लिखा, प्रधानमंत्री बनारस के सांसद हैं और रक्षामंत्री लखनऊ के, अन्य भी कई केंद्रीय मंत्री उत्तर प्रदेश से हैं. आखिर बनारस, लखनऊ और आगरा में अस्थाई अस्पताल क्यों नहीं खोले जा सकते हैं. महोदय, स्थितियां गंभीर होती जा रही हैं. आपसे आग्रह करती हूं कि सिर्फ प्रचार करके यह लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती है.
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उन्होंने लिखा कि दिल्ली में स्थापित केंद्रीय सुविधाओं का प्रयोग सीमवर्ती जिलों के लिए भी किया जा सकता है. वहां के अस्पतालों का अधिकतम उपयोग अभी नहीं हो पा रहा है. होम आइसोलेशन एक अच्छा कदम है परंतु इसे भी आनन-फानन में आधा अधूरा लागू नहीं किया जाए.
उन्होंने आगे लिखा, मुझे इस बात का एहसास है कि अक्सर आपकी सरकार को लगता है कि हमारे सुझाव सिर्फ राजनीतिक ²ष्टिकोण से दिए जाते हैं. पैदल चल रहे यूपी के मजदूरों के लिए हमारी तरफ से बसें चलाने के प्रयास के दौरान आपकी सरकार की प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट जाहिर होता था. मैं एक बार फिर से आपको विश्वास दिलाना चाहती हूं कि उत्तर प्रदेश की जनता के स्वास्थ्य और जीवन की रक्षा में हमारी सबसे बड़ी भावना है. इस समय जबकि महामारी तेजी से बढ़ रही है. इस युद्घ में कांग्रेस पार्टी यूपी की जनता के साथ खड़ी है और आपकी सरकार को पूरी सहायता देने के लिए तैयार है.