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CM योगी ने टीम-11 की बैठक में स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा की, इमरजेंसी सेवाएं देने में युद्घस्तर पर जुटी सरकार

इमरजेंसी सेवाओं के लिए 75 ज़िलों के सरकारी अस्पतालों में 23 हज़ार बेड के साथ 2481 विशेषज्ञ डाक्टरों की तैनाती की गई है.

Updated on: 06 May 2020, 11:21 AM

लखनऊ:

सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) टीम-11 की बैठक में स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा कर रहे हैं. कोरोना से निपटने के साथ ही प्रदे़श में बेहतर इमरजेंसी स्वास्थ्य सेवाएं देने में युद्घस्तर पर योगी सरकार जुटी है. इमरजेंसी सेवाओं के लिए 75 ज़िलों के सरकारी अस्पतालों (Hospital) में 23 हज़ार बेड के साथ 2481 विशेषज्ञ डाक्टरों की तैनाती की गई है. इमरजेंसी सेवाओं के लिए ही 75 ज़िलों के 660 निजी अस्पतालों में एक लाख से अधिक बेड का इंतज़ाम किया गया है. कोविड के लिए लेवल-1, लेवल-2 और लेवल-3 के अस्पतालों में 41 हज़ार आईसोलेशन बेड का भी इंतज़ाम किया गया है.

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21 हज़ार से ज़्यादा क्वारंटीन बेड की भी व्यवस्था की गई 

कोविड अस्पतालों में 1250 से ज़्यादा वेंटिलेटर की व्यवस्था के साथ ही 21 हज़ार से ज़्यादा क्वारंटीन बेड की भी व्यवस्था की गई है. इमरजेंसी सेवाओं में डाक्टरों को लगाया गया है. पैरामेडिकल स्टाफ़ को इंफ़ेक्शन से बचाने की विशेष ट्रेनिंग दी गई है. स्वास्थ्य से जुड़ी सामान्य समस्याओं के समाधान के लिए ई-परामर्श की व्यवस्था लागू किया गया है. साथ ही टोल फ़्री नंबर जारी किया गया है. ज़िलों में टेली कंसल्टेंसी की सुविधा दी गई है. जनपद स्तर पर समाचार पत्रों में टेलीफोन पर चिकित्सीय परामर्श देने वाले डाक्टरों का विवरण जारी हुआ.

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1250 से अधिक वेंटिलेटर बेड की व्यवस्था

टीम-11 की बैठक में आज माननीय मुख्यमंत्री ने चिकित्सा सेवाओं को और बेहतर करने के निर्देश दिए. उन्होंने बताया कि अभी यूपी में दो प्रकार के अस्पताल हैं. प्रदेश में 41000 से अधिक आइसोलेशन बेड कोरोना के लिए स्थापित किए जा चुके हैं. 1250 से अधिक वेंटिलेटर बेड, 21000 क्वारंटाइन बेड तैयार है. इमरजेंसी सेवाओं के लिए आम आदमी आता है, तो उसके लिए गवर्नमेंट अस्पताल 5 जनपदों में 23000 से अधिक बेड 2481 से अधिक विशेषज्ञ डॉक्टर तैयार मिलेंगे.

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 एक लाख से अधिक बेड इमरजेंसी सेवा के लिए तैयार

660 निजी अस्पतालों में भी एक लाख से अधिक बेड इमरजेंसी सेवा के लिए तैयार है. मेडिकल इन्फेक्शन कम करने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को ट्रेनिंग दी गई है. हर जनपद में इमरजेंसी सेवाएं शुरू हो चुकी है. ई परामर्श शुरू हो चुका है. उसके लिए टोल फ्री नंबर जारी किए गए हैं. टेलीकंसल्टेशन की हर जिले में व्यवस्था है. सामान्य व्यक्ति उस पर फोन कर उसका लाभ ले सकता है. डॉक्टरों से सलाह ले सकता है.