logo-image

ओवैसी का चैलेंज सीएम योगी को स्वीकार, बोले थे- 2022 में नहीं बनने देंगे मुख्यमंत्री

 एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ के बीच गरमा-गरम बहस देखने को मिल रही है

Updated on: 04 Jul 2021, 09:40 AM

highlights

  • उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों में तीखी बयानबाजी का दौर जारी
  • ओवैसी ने कहा है कि वह 2022 में योगी आदित्यनाथ को किसी भी सूरत में CM नहीं बनने देंगे
  • ओवैसी के बयान पर सीएम योगी ने कहा कि अगली बार भी भाजपा की ही सरकार बनेगी

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों में तीखी बयानबाजी का दौर जारी है. इस क्रम में एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) और मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के बीच गरमा-गरम बहस देखने को मिल रही है. ओवैसी ने कहा है कि वह 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ को किसी भी सूरत में मुख्यमंत्री नहीं बनने देंगे, वहीं सीएम योगी ने उनकी चुनौती स्वीकार कर ली है. ओवैसी के बयान पर सीएम योगी ने कहा कि अगली बार भी भाजपा की ही सरकार बनेगी. 

यह भी पढ़ेंः PM मोदी ने UP जिला पंचायत चुनाव में BJP की जीत का श्रेय CM योगी को दिया

 

आपको बता दें कि यूपी में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसमें ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम भी चुनाव लड़ेगी. योगी आदित्यानाथ ने ओवैसी की चुनौती पर बोलते हुए कहा कि वह बड़े नेता हैं, वह देशभर में प्रचार करते हैं और उनको एक समुदाय विशेष का समर्थन प्रात्त है, लेकिन बावजूद इसके वह उत्तर प्रदेश के अंदर भारतीय जनता पार्टी का चुनौती नहीं दे सकते. क्योंकि  भाजपा अपने मूल्यों और मुद्दों के साथ ही चुनावी मैदान में उतरती है. सीएम योगी  ने कहा कि मैं उनकी चुनौती को स्वीकार करता हूं. उन्होंने कहा कि अगर वो कहते हैं कि वो भाजपा की सरकार नहीं बनने देगे तो हम कहते हैं कि 2022 में भाजपा ही आकर रहेगी. 

यह भी पढ़ें : शिखर धवन के लिए बहुत खास होने वाला है श्रीलंका दौरा, जानिए क्यों 

आपको बता दें कि एआईएमआईएम ने यूपी में 100 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा किया है. इसके साथ ही उन्होंने भावी उम्मीदवारों से आवेदन भी मांगे हैं.यूपी में हाल ही में हुए पंचायत चुनावों में एआईएमआईएम ने अखिलेश यादव के निर्वाचन क्षेत्र आजमगढ़ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के गृहनगर प्रयागराज में अच्छा प्रदर्शन किया है. इस बीच 2015 में, एआईएमआईएम ने जिला पंचायत चुनावों में चार सीटें जीती थीं. यूपी पंचायत चुनाव में एआईएमआईएम का ग्राफ चढ़ने से पार्टी कार्यकतार्ओं का मनोबल बढ़ा है. इससे पहले 2017 में एआईएमआईएम ने विधानसभा चुनाव में 38 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे लेकिन एक भी सीट नहीं जीत पाई थी. पार्टी को पूरे उत्तर प्रदेश में 2,05,232 वोट मिले, जो कुल वोटों का केवल 0.2 प्रतिशत था.