हाथरस मामले पर सीएम योगी का बड़ा बयान- यूपी में जातीय दंगा फैलाने की साजिश थी, लेकिन...
Hathras rape case : हाथरस मामले में एक के बाद एक कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. सुरक्षा एजेंसियों को एक बड़ी जानकारी हाथ लगी है कि इस केस की आड़ में उत्तर प्रदेश में बड़े स्तर पर जातीय दंगे कराने की साजिश रची गई थी.
नई दिल्ली:
Hathras rape case : हाथरस मामले में एक के बाद एक कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. सुरक्षा एजेंसियों को एक बड़ी जानकारी हाथ लगी है कि इस केस की आड़ में उत्तर प्रदेश में बड़े स्तर पर जातीय दंगे कराने की साजिश रची गई थी. दंगे की इस वेबसाइट के तार एमनेस्टी इंटरनेशनल नाम के एक संगठन से जुड़े हैं. इसके लिए इस्लामिक देशों से जमकर फंडिंग की गई. इस मामले को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने कहा कि हम किसी भी जातीय-सांप्रदायिक दंगे को कामयाब नहीं होने देंगे.
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हाथरस मामले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जातीय-सांप्रदायिक दंगा फैलाने की साजिश थी. एमनेस्टी इंटरनेशनल जैसे संगठन इस साजिश में शामिल थे. उन्होंने कहा कि हमारी सुरक्षा एजेंसियों ने इस दंगे की साजिश को नाकाम कर दिया है. दंगे की साजिश की जानकारी मिलने के बाद पुलिस एक्शन में है. हाथरस में दंगे साजिश का मुकदमा भी दर्ज कराया गया है. सीएम योगी ने आगे कहा कि दंगे की साजिश को कामयाब नहीं होने देंगे. वहीं, हाथरस पीड़िता के भाई ने कहा कि हमें दंगे की साजिश के बारे में कोई जानकारी नहीं है. हमें तो सिर्फ न्याय चाहिए.
रातों रात तैयार हुई वेबसाइट
यूपी में जातीय दंगों की साजिश करा दुनिया में मोदी और योगी सरकार की छवि राब करने के लिए जस्टिस फॉर हाथरस नाम से रातों रात एक वेबसाइट तैयार हुई. इस वेबसाइट में फर्जी आईडी से हजारों लोगों को जोड़ा गया. विरोध प्रदर्शन की आड़ में वेबसाइट पर देश और प्रदेश में दंगे कराने और दंगों के बाद बचने का तरीका बताया गया. यह वेबसाइट पर जानकारी दी गई कि किस तरह के दंगे करने हैं और पहचान छुपाने के लिए क्या कदम उठाने हैं.
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अमेरिका की तर्ज पर दंगे कराने की थी योजना
जांच एजेंसियों के हाथ लगी वेबसाइट की डिटेल्स और पुख्ता जानकारी में सामने आया है कि अमेरिका में हुए दंगों की तर्ज पर ही थी यूपी की घटना को लेकर देश भर में जातीय दंगे कराने की तैयारी थी. बहुसंख्यक समाज में फूट डालने के लिए मुस्लिम देशों और इस्लामिक कट्टरपंथी संगठनों से पैसा आया था. वेबसाइट में बताया गया कि चेहरे पर मास्क लगाकर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को विरोध प्रदर्शन की आड़ में निशाना कैसे बनाया जाए.
दंगे की इस वेबसाइट ने वालंटियरों की मदद से तैयार की हेट स्पीच और भड़काऊ सियासत की भी स्क्रिप्ट थी. सीएए उपद्रव के दौरान हिंसा में शामिल रहे पीएफआई और एसडीपीआई जैसे संगठनों ने बेवसाइट तैयार कराने में अहम भूमिका निभाई. रात में छापेमारी होते ही और सुरक्षा एजेंसियों के सक्रिय होते इस वेबसाइट को बंद कर दिया गया लेकिन सुरक्षा एजेंसियों के पास इस वेबसाइट के सारे कंटेंट मौजूद हैं.
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