Good News: भारत में पहली बार होगा आयुर्वेद से कोरोना पर क्लिनिकल ट्रायलः मीडिया रिपोर्ट
लखनऊ के लोकबंधु अस्पताल में कोरोना के खिलाफ जंग के लिए आयुर्वेद पर आधारित स्टडी को क्लीनिकल ट्रायल के लिए अनुमति मिल गई है. लोकबंधु अस्पताल में सोंठ पाउडर-लहसुन व काढ़ा आधारित स्टडी को क्लीनिकल ट्रायल रजिस्ट्रेशन-इंडिया (CTRI) ने अनुमति दे दी है.
highlights
- CTRI ने सोंठ, लहसुन से क्लीनिकल ट्रायल को दी इजाजत
- सोंठ-लहसुन और काढ़ा से मिल रही सफलता
- लोकबंधु अस्पताल में 45 मरीज कोरोना से ठीक हुए
नई दिल्ली:
चीन के वुहान शहर से निकल कर कोरोनावायरस (Corona Virus) ने पूरी दुनिया को घुटनों के बल ला कर खड़ा कर दिया है. वहीं भारत में भी अब कोरोनावायरस (Corona Virus) ने लोगों को गंभीर होने पर मजबूर कर दिया है. दुनिया भर के तमाम देशों ने महामारी के इस वायरस से निपटने के लिए एलोपैथ आधारित शोध को चुना. दुनिया के ज्यादातर देशों ने इस वायरस को शिकस्त देने के लिए जहां एलोपैथ आधारित शोध और क्लीनिकल ट्रायल अपनाए हैं तो वहीं भारत ने इस महामारी से निपटने के लिए प्राचीन आयुर्वेद परंपरा पर ही ज्यादा भरोसा जताया है.
लखनऊ के लोकबंधु अस्पताल में कोरोना के खिलाफ जंग के लिए आयुर्वेद पर आधारित स्टडी को क्लीनिकल ट्रायल के लिए अनुमति मिल गई है. लोकबंधु अस्पताल में सोंठ पाउडर-लहसुन व काढ़ा आधारित स्टडी को क्लीनिकल ट्रायल रजिस्ट्रेशन-इंडिया (CTRI) ने अनुमति दे दी है. कोरोना वायरस के खिलाफ उठाए गए इस कदम को लेकर CTRI के इस कदम को बहुत बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है. लोकबंधु अस्पताल की एथिक्स कमेटी ने शुरुआती स्टडी पर अपनी मुहर लगाते हुए इसे CTRI के पास अप्रूवल के लिए भेजा था. इस अनुमति के बाद अब भारत विश्व का ऐसा अब पहला देश बन गया है, जो कि कोरोना के खिलाफ जंग में अपनी आयुर्वेद परंपरा से क्लीनिकल ट्रायल करने जा रहा है.
46 मरीजों पर किया प्रयोग सफल
लखनऊ के लोकबंधु अस्पताल में आयुर्वेद की विधा से कोरोना मरीजों पर स्टडी कर रहे डॉक्टर आदिल रईश ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि अब तक 46 मरीजों पर इन आयुर्वेदिक दवाओं का प्रयोग किया जा चुका है. इनमें से आधी संख्या में मरीजों को सोंठ पाउडर व लहसुन दिया गया. जबकि आधे मरीजों को सिर्फ विशेष प्रकार का काढ़ा दिया गया. दोनों के ही शुरुआती परिणाम बेहतरीन रहे हैं. हालांकि सोंठ व लहसुन लेने वाले मरीज काढ़ा पीने वालों की तुलना में जल्द स्वस्थ हो रहे हैं. दोनों उपचार से 45 मरीज ठीक हो चुके हैं. जबकि एक की रिपोर्ट वेटिंग में है.
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अब तक 70 मरीजों ने करवाए रजिस्ट्रेशन
आपको बता दें कि इस खुलासे के बाद अब तक कुल 70 मरीज रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं. लहसुन और सोठ जठराग्नि को तेज कर तेजी से शरीर में एंटीबॉडी बनाता है. डॉक्टर आदिल ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण या फिर किसी अन्य कोई बीमारी की वजह से इंसानों में उनके पेट में जठराग्नि धीमी पड़ जाती है जिसकी वजह से उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता लगातार घटने लगती है. अगर कोई भी मरीज ऐसे में गर्म पानी के साथ सोंठ पाउडर ले ऐसा दिन में दो से तीन बार करे और एक से दो बार कच्चे लहसुन की 2-3 कली चबाकर खाए तब उसकी मंदाग्नि तेज हो जाती है और मरीज को खूब भूख लगती है.
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सीटीआरआइ ने इसे क्लीनिकल ट्रायल के लिए मंजूरी दी
तेज भूख लगते की वजह से मरीज लगातार खूब भोजन करता है और जठराग्नि तेज होने की वजह से उस मरीज का भी बेहतर हो जाता है जिसके बाद पाचन होने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने लगती है. ऐसे में एंटीबॉडी भी तेजी से बनती है. जबकि काढ़ा सुबह-शाम पीने से मरीजों के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. लोकबंधु अस्पताल के निदेशक डॉ डीएस नेगी ने बताया कि इन प्रयोगों के बाद सीटीआरआइ ने इसे क्लीनिकल ट्रायल के लिए मंजूरी दे दी है. अब लगभग 120 मरीजों पर ट्रायल करने के बाद इस स्टडी को इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च के पास भेजा जाएगा. वहां से अप्रूवल मिलने के बाद ख्याति प्राप्त जर्नल में इसे प्रकाशित कराया जाएगा.
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