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आगरा के पारस अस्पताल को क्लीन चिट, 'मॉकड्रिल' में गई थी 22 मरीजों की जान

ताजनगरी आगरा में मौत वाली मॉक ड्रिल' से सुर्खियों में आए पारस हॉस्पिटल को क्लीन चिट दे दी गई है. कमेटी ने शुक्रवार को अपनी जांच रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंप दी.

Updated on: 19 Jun 2021, 10:36 AM

highlights

  • पारस अस्पताल की जांच रिपोर्ट में खुलासा
  • 'हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी नहीं थी'
  • 'वीडियो को टुकड़ों में वायरल किया गया'

आगरा:

ताजनगरी आगरा में मौत वाली मॉक ड्रिल' से सुर्खियों में आए पारस हॉस्पिटल को क्लीन चिट दे दी गई है. निजी अस्पताल द्वारा 'मॉकड्रिल' के तहत ऑक्सीजन आपूर्ति बंद होने से 22 लोगों की मौत के विवाद के आरोपों की जांच के लिए गठित 4 सदस्यीय डेथ ऑडिट कमेटी ने शुक्रवार को अपनी जांच रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंप दी. जिसमें पारस अस्पताल के संचालक को क्लीन चिट दी गई है. जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पारस हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी नहीं थी. कई तीमारदार भी खुद ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर आए थे.

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डेथ ऑडिट कमेटी ने जांच रिपोर्ट में यह भी खुलासा किया है कि वीडियो एक बनाया गया था. जिसे टुकडों में वायरल किया गया था. इसके पीछे की मंशा क्या थी? यह वीडियो किसने बनाया था? इसकी जांच पुलिस से कराने की सिफारिश की गई है. जांच कमेटी ने 26 अप्रैल से 27 अप्रैल को 16 मरीजों की बात स्वीकारी है, मगर, मरीजों की मौत की गंभीर बीमारियां बताई हैं. आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले पारस अस्पताल के प्रबंधन द्वारा कथित जघन्य अपराध को उजागर करने वाला एक वीडियो वायरल हुआ था.

वायरल वीडियो में अस्पताल के मालिक को यह कहते हुए सुना गया था कि यह एक मॉक ड्रिल है. कथित वीडियो में एक डॉक्टर यह स्वीकार करता है कि मॉक ड्रिल के दौरान पांच मिनट के लिए ऑक्सीजन बंद करने से 22 लोगों की मौत हो गई. इस मामले पर प्रियंका गांधी वाड्रा समेत विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं ने अस्पताल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अस्पताल के गेट पर मालिकों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर नारेबाजी की थी. राजनीतिक हलकों में हंगामे के बाद आगरा जिला प्रशासन ने अस्पताल को सील कर दिया था और मालिकों के खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था.

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अस्पताल का लाइसेंस भी निलंबित कर दिया गया था. हालांकि इस मामले में पहले ही आगरा के जिलाधिकारी पी.एन. सिंह ने ऑक्सीजन की किसी भी कमी से इनकार किया था, जिससे मौतें हो सकती थीं. उस वक्त उन्होंने कहा था कि यदि मृतक के परिजन शिकायत करते हैं, तो पूरी जांच के आदेश दिए जा सकते हैं. जिसके बाद जिला प्रशासन ने जांच समिति गठित की थी. जिसने अब अस्पताल को क्लीन चिट दे दी है.