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टिकरी सीमा पर युवक की जलकर मौत, परिवार ने किसान आंदोलन में शामिल 4 लोगों पर लगाया आरोप

दिल्ली की सीमा पर कृषि कानून के विरोध में किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. इस आंदोलनस्थल से एक बड़ी और सनसनीखेज खबर सामने आ रही है. टिकरी बॉर्डर पर हरियाणा के एक 42 वर्षीय शख्स की बुधवार को मौत हो गई.

Updated on: 19 Jun 2021, 09:52 AM

नई दिल्ली:

दिल्ली की सीमा पर कृषि कानून के विरोध में किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. इस आंदोलनस्थल से एक बड़ी और सनसनीखेज खबर सामने आ रही है. टिकरी बॉर्डर पर हरियाणा के एक 42 वर्षीय शख्स की गुरुवार को मौत हो गई. शख्स की मौत आग से जलने के कारण हुई है. मृतक के परिवार ने आरोप लगाया है कि किसान आंदोलन से जुड़े लोगों ने शख्त को जलाकर मार डाला. मृतक का नाम मुकेश बताया जा रहा है, जो कि कसार गांव का निवासी है. मृतक एक बस ड्राइवर था. इस मामले में पुलिस ने बताया कि मुकेश के भाई मदन लाल ने शिकायत दर्ज करवाई है और इसके आधार पर एक आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया है.

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पुलिस ने बताया कि मुकेश के भाई द्वारा की गई शिकायत के अनुसार टिकरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में शामिल चार लोगों ने बुधवार की शाम मुकेश को कथित रूप से जिंदा जला दिया. उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता का आरोप है कि घटना के वक्त चारों आरोपी नशे की हालत में थे.

बहादुरगढ़ डीएसपी पवन कुमार ने कहा कि पीड़ित के परिवार ने आरोप लगाया कि 4 लोगों ने उस पर पेट्रोल या डीजल छिड़का और उसे आग लगा दी . एफआईआर में एक आरोपी का नाम है, दूसरे की पहचान हो गई बाकी दो अज्ञात है . अपनी शिकायत में लाल ने कहा कि मुकेश करीब शाम 5 बजे बाहर घूमने गया था और धरना स्थल पर पहुंच गया था . उन्होंने आरोप लगाया कि मुझे पता चला है कि प्रदर्शनकारियों ने उसे मारने के इरादे से उसपर पेट्रोल छिड़कर आग लगा दी.

हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने बताया कि टिकरी बॉर्डर पर एक किसान को पेट्रोल डालकर जला देने के मामले में FIR दर्ज़ की गई है, जांच जारी है. दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

घटना पर दुख जताते हुए हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा, 'ये हिंसात्मक व अनैतिक घटनाएं अत्यंत चिंताजनक हैं, इनका स्थानीय विरोध भी हो रहा है. हरियाणा सरकार कानून एवं व्यवस्था को किसी भी स्थिति में बिगड़ने नहीं देगी'

सीएम ने आगे कहा, 'आंदोलन अब अनैतिक हो गया है. किसान आंदोलन अगर शांति के साथ चलता रहे तो हमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन इसमें जो हिंसात्मक और अनैतिक गतिविधियां होने लग गई हैं, यह बहुत चिंता का विषय है. आंदोलन स्थल महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करने का अड्डा बन गया है.'

बता दें कि तीन नए अधिनियमित खेत कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम,2020; मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम,2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 पर किसान सशक्तिकरण और संरक्षण समझौता हेतु सरकार का विरोध कर रहे हैं .