Mayawati Rally: बसपा सुप्रीमो मायावती ने लखनऊ रैली में सपा-कांग्रेस पर साधा निशाना, कहा, इनकी मानसिकता दलित विरोधी

Mayawati Lucknow Rally: बसपा सुप्रीमो मायावती ने गुरुवार को लखनऊ में एक विशाल जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा, साथ ही उनपर दलित विरोधी होने का आरोप भी लगाया.

Mayawati Lucknow Rally: बसपा सुप्रीमो मायावती ने गुरुवार को लखनऊ में एक विशाल जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा, साथ ही उनपर दलित विरोधी होने का आरोप भी लगाया.

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Suhel Khan
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बसपा सुप्रीमो मायावती ने सपा-कांग्रेस पर साधा निशाना Photograph: (BSP YouTube)

Mayawati Lucknow Rally: बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सुप्रीम मायावती ने गुरुवार को लखनऊ में एक बड़ी रैली का आयोजन किया. बसपा की ये रैली पार्टी संस्थापक कांशीराम की 19वीं पुण्यतिथि के अवसर पर की गई. मायावती की इस रैली में शामिल होने के लिए पूरे उत्तर प्रदेश से लाखों कार्यकर्ता लखनऊ पहुंचे. इसके साथ ही उत्तराखंड और अन्य राज्यों से भी हजारों लोग बसपा सुप्रीमो को सुनने पहुंचे. इस दौरान मायावती ने अपने भाषण से कार्यकर्ताओं में जोश भर दिया बल्कि ये संकेत भी किया कि उनकी पार्टी 2027 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत से मैदान में उतरेगी. इस  दौरान बसपा सुप्रीमो ने समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पर भी जमकर निशाना साधा.

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समाजवादी पार्टी पर क्या बोलीं मायावती? 

लखनऊ में रैली को संबोधित करते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने जहां बीजेपी की तारीफ की तो वहीं समाजवादी पार्टी पर निशाना भी साधा. मायावती ने सपा मुखिया अखिलेश यादव पर लखनऊ स्थित मान्यवर कांशीराम स्मारक स्थल समेत राजधानी की अन्य स्मारकों की उपेक्षा कनरे का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि, जब हमने कांशीराम स्मारक स्थल बनाया था, तभी ये व्यवस्था की थी इस पार्क में आने वाले लोगों की टिकट से आने वाले पैसे का इस्तेमाल इस पार्क के अलावा लखनऊ के अन्य स्मारकों के देखरेख में किया जाए.

सत्ता से बाहर जाने पर सपा को याद आती है पीडीए

मायावती ने कहा कि लेकिन सपा सरकार ने उस पैसा को दबाए रखा और कांशीराम स्मारक समेत अन्य स्मारक और पार्कों पर उस पैसे को खर्च नहीं किया. रख-रखाव के अभाव में उन पार्कों की हालत खराब हो गई. मायावती ने कहा कि समाजवादी पार्टी की जब यूपी में सरकार थी तब टिकटों का पैसा दबाकर रखा और स्मारकों की उपेक्षा की लेकिन अब दो-तीन दिन पहले सपा ने खबर छपवाई कि मान्यवर कांशीराम के सम्मान में वे संगोष्ठी करेंगे. मायावती ने सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जब वे सरकार में रहते हैं तब उन्हें ना तो पीडीए याद आता है और ना ही कांशीराम की जयंती और ना ही उनकी पुण्यतिथि.

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि जब वे सत्ता से बाहर हो जाते हैं तो समाजवादी पार्टी को याद आता है कि उन्हें संगोष्ठी करनी चाहिए. मायावती ने आगे कहा कि मैं सपा मुखिया अखिलेश यादव से पूछना चाहती हूं कि कांशीराम के प्रति आपका इतना ही आदर सम्मान था तो यूपी में हमारी सरकार थी तो हमारी सरकार ने अलीगढ़ मंडल में कासगंज जिला बनाया और उस जिले का नाम मान्यवर कांशीराम नगर रखा, लेकिन जैसे ही सपा सस्ता में आई उन्होंने नाम बदल दिया. मायावती ने कहा कि हमने राज्य में तमाम स्कूल-कॉलेजों के नाम कांशीराम के नाम पर रखे, तमाम जनहित की योजनाएं उनके नाम पर चलाईं. लेकिन सपा सरकार ने ज्यादातर योजनाओं को बंद कर दिया. जो इनके दोगला चरित्र दर्शाती है.

कांग्रेस सरकारों ने भी किया दलितों का उत्पीड़न: मायावती

लखनऊ की रैली के दौरान बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा.  मायावती ने कहा कि कांग्रेस की केंद्र सरकार ने भी हमें न्याय नहीं दिया और काफी उलझा दिया. उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस सरकार में दलितों का काफी उत्पीड़न किया गया है. कांग्रेस ने भी जातिवाद संक्रीण मानसिकता के साथ सरकार चलाई है. मायावती ने कहा कि 1975 में लगाए गए आपातकाल के दौरान बाबा साहब के संविधान को ही प्रभावहीन बना दिया था.

संविधान को हाथ में लेकर नाटक करती है कांग्रेस- बसपा सुप्रीमो

उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस के लोग आए दिन संविधान को हाथ में लेकर नाटक करते रहते हैं. मायावती ने कहा कि कांग्रेस ने हर तरह के हथकंडे अपनाकर बाबा साहब को संसद में भी नहीं जाने दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने बाबा साहब को भारत रत्न से भी सम्मानित नहीं किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने कांशीराम के निधन पर भी एक भी दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित नहीं किया था. बसपा सुप्रीम ने कहा कि कांग्रेस ने मंडल कमीशन की रिपोर्ट को भी लागू नहीं किया. उसके बाद बीएसपी की कोशिश से बीपी सिंह की सरकार में मंडल कमीशन की रिपोर्ट को लागू किया गया. 

'गठबंधन में नहीं होता बसपा को कोई फायदा'

मायावती ने यूपी में सपा के साथ गठबंधन को लेकर कहा कि गठबंधन में बसपा दलित वोट तो उन्हें मिल जाता है कि लेकिन उनका अपर कास्ट का वोट बसपा को नहीं मिलता. जिससे हमारी पार्टी के कम उम्मीदवार जीत पाते हैं और हमारा वोट प्रतिशत भी कम हो जाता है. मायावती ने कहा कि जब हम गठबंधन के साथ मिलकर सरकार बनाते हैं तो हमारी सरकार समय से पहले ही गिर जाती है. मायावती ने कहा 1993 में बीएसपी ने सपा के साथ गठबंधन करके विधानसभा का चुनाव लड़ा था तब बसपा सिर्फ 67 सीटें ही जीत पाई थी. उसके बाद 1996 में बसपा ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया तब भी पार्टी सिर्फ 67 सीटें ही जीत पाई.

आजम खान से मुलाकात की अफवाहों पर क्या बोलीं मायावती 

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि जब भी हमने गठबंधन करके सरकार बनाई तो हमारी सरकार कभी भी कार्यकाल पूरा नहीं कर पाई और समय से पहले ही सरकार गिर गई. मायावती ने कहा कि पहले के गठबंधन के नतीजों को देखते हुए 2027 के विधानसभा चुनाव में पार्टी अपने दम पर चुनावी मैदान में उतरेगी. मायावती ने आजम खान से मुलाकात की अफवाहों को लेकर बिना उनका नाम लिए कहा कि पिछले महीने ही ऐसी अफवाहें उड़ाई जाने लगी कि किसी पार्टी  के बड़े नेता ने मायावती से लखनऊ और दिल्ली में मुलाकात की है और वे जल्द बसपा में शामिल हो सकते हैं. मायावती ने कहा कि मैं कभी भी छिपकर नहीं मिलती बल्कि खुलेआम मुलाकात करती हूं.

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