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भारत-नेपाल सीमा पर जन्मा बच्चा, मिल सकती है दो देशों की नागरिकता

नेपाल से मजदूरी कर लौट रहे बहराइच के मज़दूर परिवार में शामिल एक महिला ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के नो-मैन्स लैण्ड पर एक बच्चे को जन्म दे दिया. सीमा पर जन्मे बच्चे को परिवार ने बार्डर कुमार नाम दिया.

Updated on: 02 Jun 2020, 02:21 PM

बहराइच:

नेपाल से मजदूरी कर लौट रहे बहराइच के मज़दूर परिवार में शामिल एक महिला ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के नो-मैन्स लैण्ड पर एक बच्चे को जन्म दे दिया. सीमा पर जन्मे बच्चे को परिवार ने बार्डर कुमार नाम दिया. लेकिन यह परिवार यह नहीं जानता कि मेरा बच्चा दो देश का नागरिक भी हो सकता है. अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत हवाई जहाज में उड़ते हुए कोई बच्चा अगर जन्म लेता है तो जहाज़ ने जिन देशों पर से उड़ान भरी है उन देशों में से किसी दो देशों की नागरिकता मांगने की वह बच्चा दावेदारी कर सकता है.

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उसी प्रकार दो देशों के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा पर जो नो-मेंस लैण्ड होती है उस पर जन्मा बच्चा भी दोनो देशों की नागरिकता की दावेदारी कर सकता है. अंतराष्ट्रीय कानून के तहत बार्डर कुमार भी भारत और नेपाल दोनों देशों की नागरिकता की दावेदारी कर सकता है. भारत नेपाल सीमा के नो मैन्स लैण्ड रक्सौल में जन्मे बच्चे के माता पिता बहराइच जिले के मोतीपुर तहसील के ग्राम झाला कलां पृथ्वी पुरवा निवासी  दम्पति लाला राम और जामतारा हैं.

भारत नेपाल सीमा पर मौजूद कामगार।

दोनों आजीविका के लिए पड़ोसी देश नेपाल के नवल परासी जिले की जगत ईंट फैक्ट्री पर मेहनत मजदूरी करते थे. लेकिन कोरोना के कारण दोनों बेरोजगार हो गए. लाला राम अपने घर वापस आने की आस में अपनी गर्भवती पत्नी के साथ शनिवार को भारत नेपाल सीमा के रक्सौल बार्डर पर पहुंचा नो मेन्स लेण्ड पर बड़ी तादाद में भारतीय नागरिक भारत में आने के लिये जमा थे. ये लोग भारत में प्रवेश पाने के लिये अपनी-अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे.

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इसी बीच अचानक सुबह के चार बजे लाला राम की गर्भवती पत्नी जामतारा को प्रसव पीड़ा शुरू हुई. पत्नी की हालत देख लाला राम बैचेन हो गया. उसकी स्थित देख वहां मौजूद दूसरे भारतीय नागरिकों ने हिम्मत बंधाई और महिलायें मदद के लिये आगे आईं. कुछ महिलाओं ने एक घेरा बनाते हुवे प्रसव पीड़िता को चादर के घेरे में लिया. लगभग 11 बजे के करीब लाला राम की पत्नी ने नो मेन्स लैण्ड पर ही एक बच्चे को जन्म दिया.

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बार्डर पर मौजूद पुलिस ने फौरन उसे इंट्री दी और एम्बुलेन्स की मदद से उसे नैतनवा सीएचसी भेजा गया जहां जांच में जच्चा बच्चा पूर्ण रूप से स्वस्थ्य पाये गए. पुत्र के पैदा होने पर लाला राम ने उसका नाम करण करते हुवे उसका नाम "बार्डर कुमार" रखा. लाला राम के पहले से दो बेटियां और एक बेटा है यह उसकी चौथी सन्तान है.

सपा ने की आर्थिक मदद की पेशकश

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को जब इस परिवार की पूरी कहानी मालूम हुई तो उन्होंने पार्टी नेता व विधानपरिषद सदस्य डा. राज्यपाल कश्यप को उसकी आर्थिक मदद करने को कहा. राज्यपाल कश्यप ने बहराइच निवासी इस दम्पति को अपनी तरफ से 50 हजार रूपये की सहायता दिये जाने की घोषणा की है.