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मृतक पुजारी के बेटे ने हाइकोर्ट से मांगी सुरक्षा, स्थानीय विधायक पर दबाव डालने के लगाए आरोप 

राजस्थान के सपोटरा में पुजारी को जिंदा जलाने मामले में मृतक पुजारी के बेटे ने हाइकोर्ट से सुरक्षा मांगी.  स्थानीय विधायक पर भी दबाव डालने के आरोप लगाए.

Updated on: 13 Oct 2020, 12:23 AM

जयपुर:

राजस्थान के सपोटरा में पुजारी को जिंदा जलाने मामले में मृतक पुजारी के बेटे ने हाइकोर्ट से सुरक्षा मांगी. स्थानीय विधायक पर भी दबाव डालने के आरोप लगाए. हाइकोर्ट से सुरक्षा दिलाने की गुहार लगाई है. मामले पर आगामी दिनों में सुनवाई होगी. वहीं राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने रविवार को करौली जिले में मंदिर के पुजारी की हत्या की जांच सीआईडी-सीबी से कराने का निर्देश दिया. सीएम ने इस पूरे मामले की जांच सीआईडी-सीबी के पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा की देखरख में करवाए जाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि यह निंदनीय है कि बीजेपी ने दो परिवारों के बीच भूमि विवाद से हुई सपोटरा के बुकना गांव की दुखद घटना को मीणा और वैष्णव समाज के बीच जातीय दुश्मनी का रूप देने की कोशिश की. 

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सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि इस घटना से एक दिन पहले 6 अक्टूबर को इस भूमि के विवाद को लेकर गांव के लोगों की पंचायत भी हुई थी, जिसमें मीणा समाज के लोगों का बाहुल्य था. मीणा समाज और अन्य लोग पुजारी बाबूलाल वैष्णव के साथ थे. बहुसंख्यक मीणा समाज की पंचायत ने भूमि के संबंध में बाबूलाल वैष्णव और राधागोपालजी मंदिर के हक में ही अपनी सहमति व्यक्त की थी. 

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सीएम ने कहा कि कांग्रेस सरकार मंदिर के अधीन आने वाली जमीनों पर पुजारियों के हितों के संरक्षण के लिए सदैव प्रयासरत रही है. साल 1991 में तत्कालीन बीजेपी की सरकार ने एक आदेश जारी कर मंदिर माफी की जमीनों पर पुजारियों के नाम राजस्व रिकॉर्ड से हटाने के निर्देश दिए थे. वहीं कांग्रेस चाहे सरकार में रही हो या विपक्ष में, उसने सदैव मंदिर की भूमि के संबंध में पुजारियों के हितों की पैरवी की.

दरअसल, भूमि विवाद में पुजारी वैष्णव को बुधवार को कथित तौर पर आग लगा दी गई, जिनकी गुरुवार को यहां एसएमएस अस्पताल में मौत हो गई. आरोप है कि मंदिर के पास की खेती जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे लोगों ने पुजारी पर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी थी.