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राजस्थान में कोचिंग स्टूडेंटस की आत्महत्याओं को लेकर चौंकाने वाला खुलासा, 5 साल में इतने स्‍टूडेंट्स ने क‍िया सुसाइड

आंकड़ों की मानें तो स्कूल कॉलेज या फिर प्रतियोगी परीक्षाओं में असफल होने के बाद छात्र और छात्राएं आत्महत्या का रास्ता अपना रहे हैं. राजस्थान में आत्महत्या का गढ़ कोटा और सीकर जिले है.

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Shyam Sundar Goyal
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राजस्थान में कोचिंग स्टूडेंटस की आत्महत्याओं को लेकर चौंकाने वाला खुलासा, 5 साल में इतने स्‍टूडेंट्स ने क‍िया सुसाइड Photograph: (Social media)

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राजस्थान में बीते कुछ सालों में आत्महत्या के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. बीते दिन राजधानी जयपुर के एमएनआईटी में एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली थी. इसके अलावा कोटा में भी आत्महत्या का मामला सामने आया था. आंकड़ों की बात करें तो प्रदेश में आत्महत्याओं के मामलों में बढ़ोतरी हुई है और खासकर स्कूल-कोचिंग में पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्रा आत्महत्या का रास्ता अपना रहे हैं और यह आंकड़ा काफी डराने वाला है. बीते 5 सालों में 80 से अधिक छात्र-छात्राओं ने आत्महत्या की है, जिसमें सबसे अधिक आत्महत्या 17 से 18 वर्ष की आयु के लोगों ने की है जबकि 20 से अधिक आत्महत्या के मामले 18 वर्ष की उम्र से अधिक के हैं.

आंकड़ों की मानें तो स्कूल कॉलेज या फिर प्रतियोगी परीक्षाओं में असफल होने के बाद छात्र और छात्राएं आत्महत्या का रास्ता अपना रहे हैं. राजस्थान में आत्महत्या का गढ़ कोटा और सीकर जिले है. कोटा में राजस्थान से बाहर के राज्य और सीकर जिले में राजस्थान के कोचिंग स्टूडेंट्स ने सबसे ज्यादा संख्या में खुदकुशी की है.

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14 साल की उम्र में भी आत्महत्या का केस 

वर्ष 2019 से जून 2024 तक 87 छात्र-छात्राओं ने आत्महत्या की. इनमें 15 से 16 साल की उम्र के लोग भी शामिल हैं. 17 से 18 वर्ष के 47 बच्चों ने बीते 5 साल में आत्महत्या की. 18 साल से अधिक उम्र के 25 बच्चों ने आत्महत्या की. इसमें 24 साल की एक महिला भी शामिल है. इसके अलावा 8 साल की बालिका ने भी आत्महत्या का रास्ता अपनाया. वहीं,  14 साल की उम्र में भी आत्महत्या का केस देखने को मिला. 

आज बच्चों पर प्रेशर बहुत 

राजस्थान के वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. अनिल तांबी बताते हैं कि आज स्कूली और कोचिंग स्टूडेंट्स के ऊपर हद से ज्यादा प्रेशर है फर्स्ट आने का, मां -बाप के अधूरे सपने पूरे करने का...ऐसे में कम उम्र के स्टूडेंट्स परेशान होकर खुदकुशी जैसा रास्ता चुनते हैं. डॉक्टर ने बताया कि पहले तनाव बड़ी उम्र के लोगों में देखने को मिलता था लेकिन आज कम उम्र के बच्चे भी तनाव का शिकार हो रहे है क्योंकि आज बच्चों पर प्रेशर बहुत है.

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राजस्थान में 2019 से 2024 तक 87 कोचिंग स्टूडेंट्स ने की खुदकुशी

कोचिंग स्टूडेंट्स को लेकर आंकड़े सामने आए हैं. राजस्थान में 2019 से 2024 तक 87 कोचिंग स्टूडेंट्स ने खुदकुशी की है. इनमें से 63 बच्चे 18 उम्र से कम के हैं. 63 लड़के और 24 लड़कियों ने की खुदकुशी की है. तीन केस ब्लैकमेलिंग के और बाकी सभी मानसिक दबाव के हैं. 21 मामलों में अभी भी जांच चल रही है. खुदकुशी के 87 मामलों में से 62 खुदकुशी कोटा में हुई.सीकर जिले में 17 और 8 अन्य जिलों में खुदकुशी हुई. राजस्थान के 27, बिहार के 20 और झारखंड के तीन स्टूडेंट्स ने खुदकुशी की. कम उम्र में स्टूडेंट्स डिप्रेशन के शिकार हो रहे हैं. राजस्थान में बिहार जिले के कोचिंग स्टूडेंटस ने की सबसे ज्यादातर खुदकुशी की है. 

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