Sawariya Seth Mandir: श्रद्धा जब सच्ची हो तो भगवान भी झोली भर देते हैं और भक्त भी दिल खोलकर उनकी सेवा में लग जाते हैं. राजस्थान के चित्तौड़गढ़ स्थित प्रसिद्ध सांवलिया सेठ मंदिर में ऐसा ही अद्भुत नजारा देखने को मिला, जब मंदिर का भंडार खोला गया और करोड़ों की दौलत सामने आई.
भक्तों ने नहीं छोड़ी कोई कसर
भक्तों ने इस बार भी चढ़ावे में कोई कसर नहीं छोड़ी. मंदिर प्रशासन के अनुसार अब तक 22 करोड़ रुपये से अधिक का चढ़ावा गिना जा चुका है और गिनती अभी जारी है. यह राशि केवल नकदी तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें सोने-चांदी की बहुमूल्य वस्तुएं भी शामिल हैं. भक्तों ने चांदी के पेट्रोल पंप, मकान, जेसीबी, रिवॉल्वर, गायें, बांसुरी और यहां तक कि चांदी की मटर तक भगवान को चढ़ाई है.
कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को खोला जाता है भंडार
मंदिर प्रशासन ने बताया कि यह भंडार हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को खोला जाता है. इस अवसर पर बोरों में भरकर रखी गई नकदी की गिनती चरणबद्ध तरीके से की जाती है. गिनती में बैंककर्मी, मंदिर सेवादार और कर्मचारी भाग लेते हैं. वर्तमान में गिनती के पांच चरण पूरे हो चुके हैं और कुल 22 करोड़ 90 लाख रुपये के चढ़ावे की पुष्टि हो चुकी है.
पिछले महीने का टूटा रिकॉर्ड
पिछले महीने जून में चढ़ावे ने नया रिकॉर्ड बनाया था, जब करीब 30 करोड़ रुपये की नकदी, 1 क्विंटल चांदी और 1 किलो सोना भगवान के चरणों में अर्पित किया गया था. भक्त अपने-अपने व्यापार में भगवान को भागीदार मानते हुए चढ़ावा चढ़ाते हैं. किसी की मनोकामना पूरी होती है तो कोई अपने मुनाफे का हिस्सा भगवान को सौंप देता है. यही कारण है कि सांवलिया सेठ को 'सेठों का सेठ' कहा जाता है.
यह मंदिर न केवल राजस्थान बल्कि देशभर के श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है. हर महीने हजारों भक्त यहां आते हैं और अपनी श्रद्धा के अनुसार चढ़ावा अर्पित करते हैं. इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि भक्त अपनी कमाई का हिस्सा छुपकर दान करते हैं, जिससे किसी को खबर भी नहीं होती और भगवान का खजाना हर बार भर जाता है. श्रद्धा और समर्पण की यह मिसाल, सांवलिया सेठ के दरबार को खास बनाती है.
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