Mehandipur Balaji Temple: क्या है मेहंदीपुर बाला जी मंदिर का इतिहास, जानें दर्शन के लाभ 

Mehandipur Balaji Temple: अगर आपको ऐसा लगता है कि कोई ऊपरी साया आपको परेशान कर रहा है, भूत-प्रेत की बाधा है तो मान्यता है कि राजस्थान के मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में दर्शन करने से सारी परेशानियां दूर होती है.

Mehandipur Balaji Temple: अगर आपको ऐसा लगता है कि कोई ऊपरी साया आपको परेशान कर रहा है, भूत-प्रेत की बाधा है तो मान्यता है कि राजस्थान के मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में दर्शन करने से सारी परेशानियां दूर होती है.

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Inna Khosla
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What is the history of Mehandipur Bala Ji Temple know the benefits of darshan

Mehandipur Balaji Temple( Photo Credit : News Nation)

Mehandipur Balaji Temple: बाला जी महाराज, प्रेतराज सरकार और भैरवबाबा के दर्शन करने लोग दूर-दूर से मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में आते हैं. ये भारत के प्रसिद्ध हिंदू धार्मिक स्थलों में से एक है. राजस्थान के दौसा जिले के नजदीक दो पहाड़ियों के बीच बनें मेहंदीपुरी बाला जी मंदिर के प्रति लोगों की अटूट श्रद्धा और विश्वास है. यहां पर लोग बालाजी को लड्डू, प्रेतराज को चावल और भैरों को ऊड़द का भोग चढ़ाते हैं. मान्यता है कि यहां भूत प्रेत और ऊपरी बाधाओं का निवारण भी किया जाता है. अगर आप यहां दर्शन करने जा रहे हैं तो आपको बता दें कि यहां कई नियमों का सख्त पालन करना होता है. यहां दर्शन के क्या लाभ हैं आइए जानते हैं. 

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पौराणिक महत्व: मेहंदीपुर मंदिर को महाभारत काल के युद्ध से सम्बंधित कथा में प्रमुख भूमिका दी गई है. हनुमान जी ने महाभारत के द्वापर युग में लक्ष्मणा की रक्षा के लिए युद्ध किया था. इसी कारण से मेहंदीपुर मंदिर में हनुमान जी को "मेहंदीपुर वाले बालाजी" के नाम से भी जाना जाता है.

मेहंदीपुर बाला जी का प्रसाद: यहां पर दो तरह के प्रसाद मिलते हैं. एक दर्खावस्त जिसे हाजरी भी कहते हैं और दूसरा अर्जी. जब आप यहां जाते हैं तो दुकानदार आपसे यही पूछता है कि कौन सा प्रसाद चाहिए. फिर आप अगर हाजरी वाला प्रसाद मांगते हैं तो ये आपको 2 बार खरीदना पड़ता है और अगर आप अर्जी वाला प्रसाद मांगते हैं तो वो आपको तीन थालियों में प्रसाद देते हैं. 

प्रचलित  मान्यताओं के अनुसार अगर आप हाजरी लगाने गए हैं तो आपको यहां रुकना नहीं होगा आपको दर्शन के तुरंत बाद यहां से चले जाना होता है और अगर आप अर्जी लगाने गए हैं तो आपको प्रसाद लौटते समय दिया जाता है जिसे आप मंदिर से निकलते समय बिना पीछे देखकर फेंक देते हैं. 

विश्व का ये एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां का प्रसाद खाना वर्जित है. इसे ना तो आप खा सकते हैं ना ही इसे अपने घर ला सकते हैं. मान्यता है कि जिन जिन लोगों पर प्रेत बाधाओं का साया होता है. वे इस प्रसाद को खासकर अजीब हरकतें करने लगते हैं. 

धार्मिक पर्वों का महत्वपूर्ण स्थल: मंगलवार और शनिवार को खास तौर पर यहां उत्सव मनाया जाता है. इस दिन हनुमान जी की पूजा और आराधना विशेष रूप से की जाती है.

मनोकामना पूरी करने का स्थान: मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में भगवान हनुमान को मनोकामना पूरी करने वाले देवता के रूप में पूजा जाता है। भक्तों का विश्वास है कि यहां पूजा करने से उनके मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

यह मेहंदीपुर बालाजी मंदिर भक्तों के लिए धार्मिकता, आशीर्वाद, और शांति का एक महत्वपूर्ण स्थान है जिसे वे अधिक से अधिक समय तक यात्रा करते हैं और हनुमान जी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. अगर आपको ऊपरी साए का डर सता रहा है, कोई लंबी बीमारी है, बुरी नज़र का दोष है या बार-बार बीमार हो रहे हैं, एक के बाद एक तनाव की स्थिति बनी रहती है जीवन से सुख चैन दूर हो गया है तो आप यहां एक बार दर्शन करने जा सकते हैं. 

ये सारी जानकारी मान्यताओं पर आधारिता है न्यूज़ नेशन इसकी पुष्टि नहीं करता. 

Source : News Nation Bureau

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