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सचिन पायलट करेंगे किसान महापंचायत, बीते दिनों मंच पर हो गई थी बेइज्जती

केंद्र सरकार के तीनों नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन जारी है. बड़ी संख्या में किसान दिल्ली की सीमाओं पर पिछले करीब 3 महीने से धरने दिए बैठे हैं तो विपक्षी दल किसानों के समर्थन में खड़े हुए हैं.

Updated on: 19 Feb 2021, 11:59 AM

highlights

  • सचिन पायलट करेंगे किसान महापंचायत
  • पार्टी को संदेश भेजने की कोशिश
  • बीते दिनों उतार दिए गए थे राहुल के मंच से

जयपुर:

केंद्र सरकार के तीनों नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन जारी है. बड़ी संख्या में किसान दिल्ली की सीमाओं पर पिछले करीब 3 महीने से धरने दिए बैठे हैं तो विपक्षी दल किसानों के समर्थन में खड़े हुए हैं. अब इन कानूनों के खिलाफ किसान देशभर में पंचायतें कर रहे हैं. इसी तर्ज पर कांग्रेस भी देशभर में किसान महापंचायत कर रही है. राजस्थान में भी कांग्रेस लगातार महापंचायत कर रही है और मोदी सरकार के खिलाफ हमलावर है. कांग्रेस की ओर से यह सम्मेलन किसानों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए किए जा रहे हैं. आज कांग्रेस नेता सचिन पायलट भी किसान महापंचायत करने जा रहे हैं.

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राजस्थान के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट आज राजधानी जयपुर के नजदीक किसान महापंचायत करेंगे. बता दें कि सचिन पायलट कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के मद्देनजर राज्य के किसानों को इकट्ठा करने के लिए किसान सम्मेलन कर रहे हैं. लेकिन अहम बात यह है कि पिछले साल बगावती तेवर दिखाने के बाद सचिन पायलट कांग्रेस में फिर से अपनी छवि बनाने में लगे हुए हैं. हालांकि बावजूद इसके सचिन पायलट को कांग्रेस साइड लाइन कर रही है. जिसका नजारा राजस्थान में बीते दिन राहुल गांधी की किसान महापंचायत में देखने को भी मिला था.

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गौरतलब है कि पिछले हफ्ते कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी राजस्थान दौरे पर थे. यहां पहुंचने पर राहुल ने अजमेर में पंचायत को संबोधित किया था. लेकिन इसी दौरान सचिन पायलट को राहुल गांधी के मंच से उतार दिया गया था. हालांकि कहा जा रहा है कि इससे सचिन पायलट और उनके समर्थन बेहद नाराज हैं. माना जाता है कि सचिन पायलट भले ही कांग्रेस के अंदर हैं, मगर उनको पार्टी के अंदर कोई तवज्जो नहीं दी जा रही है. जो रुतबा पायलट का कांग्रेस में हुआ करता था, ठीक उसके उलट अब कांग्रेस उन्हें बैकफुट पर धकेलने में लगी है.

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उधर, राजनीतिक विशेषज्ञ कहते हैं कि 2020 में हुए वाकये के बाद से सचिन पायलट साइडलाइन हैं. वे इस मुद्दे के जरिए राजनीतिक फायदा लेने की कोशिश कर रहे हैं. साथ ही किसान सम्मेलन के जरिए वे अपने राजनीतिक समर्थन को लेकर पार्टी नेतृत्व को संदेश भी भेजना चाह रहे हैं.