गहलोत खेमे में सेंध लगाएंगे पायलट? कुछ विधायकों से फोन पर की बात

बताया जा रहा है कि बहुजन समाज पार्टी को छोड़कर कांग्रेस से हाथ मिलाने वाले विधायकों से सचिन पायलट ने फोन पर बात की है. जिसके बाद बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों के खेमे में खलबली मची हुई है.

बताया जा रहा है कि बहुजन समाज पार्टी को छोड़कर कांग्रेस से हाथ मिलाने वाले विधायकों से सचिन पायलट ने फोन पर बात की है. जिसके बाद बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों के खेमे में खलबली मची हुई है.

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Dalchand Kumar
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गहलोत खेमे में सेंध लगाएंगे पायलट? कुछ विधायकों से फोन पर की बात( Photo Credit : फाइल फोटो)

राजस्थान की सियासत एक बार फिर से चर्चाओं में है. कांग्रेस का आंतरिक कलह थमी है, जो थमने का नाम नहीं ले रही. अब ऐसी चर्चाएं हो रही हैं कि अशोक गहलोत के खेमे में सचिन पायलट सेंध लगाने की कोशिश में हैं. बताया जा रहा है कि बहुजन समाज पार्टी को छोड़कर कांग्रेस से हाथ मिलाने वाले विधायकों से सचिन पायलट ने फोन पर बात की है. जिसके बाद बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों के खेमे में खलबली मची हुई है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि विधायकों को मजबूती से लड़ाई लड़ने की नसीहत दी गई है.

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इस बीच बसपा से कांग्रेस में आए विधायक राजेंद्र गुढ़ा भी अब अशोक गहलोत के खेमे से बगावत करते नजर आ रहे हैं. उन्होंने कहा है कि क्या कांग्रेस आलाकमान को यह समझ नहीं आता है कि अब इसमें ज्यादा देरी नहीं होनी चाहिए. विधायक राजेंद्र गुढ़ा ने कहा है कि 11 महीने पहले सरकार संकट में आ गई थी. कांग्रेस के 19 विधायक सरकार का साथ छोड़ कर चले गए थे. बसपा से आए 6 और अन्य 10 निर्दलीय विधायकों ने सरकार को बचाया था. 16 विधायक नहीं होते तो आज सरकार की प्रथम पुण्यतिथि होती. उन्होंने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री के पास इस्तीफा देने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता. सरकार को वफादार और गैरवफादार में अंतर करना चाहिए.

गौरतलब है कि जितिन प्रसाद के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने के बाद से राजस्थान कांग्रेस में हलचल पैदा हो गई. सचिन पायलट ने कांग्रेस आलाकमान पर सवाल उठाए थे, जिसके बाद उनके बीजेपी में जाने की अटकलों ने जोर पकड़ लिया. सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों ने पार्टी आलाकमान को अल्टीमेटम दिया कि या तो जुलाई तक मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियां करने का वादा पूरा करो, नहीं तो वे आगे निर्णय लेने में स्वतंत्र हैं. जिसके बाद राजस्थान में फिर से राजनीतिक नाटक शुरू हो गया.

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सचिन लगातार कांग्रेस आलाकमान पर वो वादे पूरे नहीं करने का आरोप लगा रहे हैं, जो राजस्थान में चुनाव के वक्त पायलट खेमे के लिए किए गए थे. ऐसे में पायलट गुट लगातार अल्टीमेटम दे रहा है. इस बीच हाल ही में छह बार के विधायक हेमाराम चौधरी ने 22 मई को कांग्रेस सरकार से इस्तीफा दे दिया और वह अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए अनिच्छुक दिख रहे हैं. जबकि विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने इस्तीफा देने की धमकी भी दी है. दोनों विधायक प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के गुट से जुड़े हैं.

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