दिल के दरवाजे भी बंद? बागी चाचा के घर से खाली हाथ लौटे चिराग पासवान, न हो सकी मुलाकात

चिराग पासवान विवाद के बीच अपने चाचा और बागी सांसदों के नेता पशुपति पारस से मिलने उनके घर पर पहुंचे, मगर वहां उनको कुछ हाथ नहीं लगा है. वहां से खाली हाथ ही चिराग को लौटना पड़ा है.

author-image
Dalchand Kumar
New Update
Paswan Family

दिल के दरवाजे भी बंद? बागी चाचा के घर से खाली हाथ लौटे चिराग पासवान( Photo Credit : फाइल फोटो)

दिवंगत नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी में तख्तापलट हो गया है. रामविलास पासवान के बेटे और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के खिलाफ लोजपा के 5 सांसदों ने बगावत कर दी है. ये सांसद चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस के साथ आ गए हैं और उन्हें अपना नेता चुन लिया है. ऐसे में चिराग अलग थलग पड़ गए हैं. सांसदों की बगावत से बैकफुट पर आए चिराग पासवान विवाद के बीच अपने चाचा और बागी सांसदों के नेता पशुपति पारस से मिलने उनके घर पर पहुंचे, मगर वहां उनको कुछ हाथ नहीं लगा है. वहां से खाली हाथ ही चिराग को लौटना पड़ा है.

Advertisment

यह भी पढ़ें: बीजेपी में अब सब कुछ 'ऑल इज वेल'? अटकलों के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने की योगी आदित्यनाथ की तारीफ

लोजपा में बगावत के बाद चिराग पासवान चेहरे पर मास्क लगाए हुए गाड़ी में सवार होकर पशुपति पारस के घर पहुंचे, वह खुद गाड़ी चलाकर अपने चाचा से मिलने पहुंचे, मगर घर में उन्हें आसानी से एंट्री नहीं मिल सकी. करीब 25 मिनट तक वह गेट पर गाड़ी लेकर खड़े रहे. मगर किसी ने गेट नहीं खोला. चिराग पासवान  पशुपति कुमार पारस के कैंपस में तो पहुंच गए हैं लेकिन अभी भी अपनी गाड़ी में ही बैठे हुए हैं कोई भी चिराग पासवान को रिसीव करने के लिए घर के अंदर से कोई भी बाहर नहीं नहीं आया. चिराग पासवान कैंपस में आने के बाद भी गाड़ी का हौरन बजाकर बुलाने की कोशिश करते रहे.

चिराग पासवान गेट के बाहर इंतजार कर रहे थे. बाद में जब गेट खुलने पर वह घर के अंदर गए, जहां उनके चाचा पशुपति पारस मौजूद नहीं थे. करीब डेढ़ घंटे वह घर के अंदर चाचा पशुपति पारस का इंतजार करते रहे, मगर उनकी मुलाकात नहीं हो सकी. हालांकि इस दौरान वह अपनी चाची से बातें करते रहे थे. बाद में काफी इंतजार करने के बाद वह पशुपति पारस के घर से निकले. उन्‍हें खाली हाथ वापस लौटना पड़ा. इस दौरान जब चिराग पासवान से मीडिया ने कई सवाल किए तो उन्‍होंने चुप्‍पी साधे रखी. उन्होंने किसी भी सवाल का कोई जवाब नहीं दिया.

यह भी पढ़ें: 2022 में गुजरात में विधानसभा की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी AAP, अरविंद केजरीवाल का ऐलान

गौरतलब है कि लोजपा के 6 में से 5 सांसदों ने चिराग पासवान से बगावत कर दी है. चिराग को लोक जनशक्ति पार्टी के संसदीय दल के नेता की कुर्सी से भी हटा दिया गया है. बगावत करने वाले सांसदों ने उनके चाचा पशुपति कुमार पारस को अपना नेता मान लिया है. इन सांसदों में प्रिंस राज, चंदन सिंह, वीना देवी और महबूब अली कैसर शामिल हैं, जो चिराग के काम करने के तरीके से नाखुश हैं. लोजपा संसदीय दल की बैठक में पशुपति कुमार पारस को सर्वसम्मति से लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) संसदीय दल का नेता चुन लिया गया है. 2020 में पिता रामविलास के निधन के बाद कार्यभार संभालने वाले चिराग अब पार्टी में अलग थलग पड़ते नजर आ रहे हैं.

उधर, लोजपा में टूट की खबरों के बीच एनडीए में शामिल जदयू के अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने इसको लेकर चिराग पर हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि जैसा बोईएगा, वैसी फसल काटिएगा. उन्होंने कहा, 'रामविलास पासवान एक अच्छे सम्मानित नेता थे. 2019 में हम साथ लोकसभा चुनाव लड़े और अच्छे समन्वय के साथ राजग बिहार में 40 में से 39 सीटें जीती. 2020 विधानसभा चुनाव में लोजपा का नेतृत्व कर रहे चिराग ने अलग लाइन ले ली. राजग को नुकसान पहुंचाया. स्वभाविक है कि आपके मन में कुछ इस तरह की बात होगी तो उसका परिणाम आएगा.' उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में जैसी नीति चलाई उससे लोग नाराज थे. इसको लेकर उनकी पार्टी के नेता तक परेशान थे. नाराज सांसद तो पहले से ही राजग में रहे हैं. यहां राजग में दो ही दल हैं भाजपा या जदयू. उनकी जहां इच्छा होगी वहां जाएंगे.

Bihar Politics Pashupati Paras LJP President Chirag Paswan
      
Advertisment