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पत्नी से तलाक लेने पर शख्स के परिवारवालों को खाप पंचायत ने सुनाया तालिबानी फरमान

खाप पंचायत के फरमान के चलते समाज से बहिष्कृत हुआ एक परिवार बुधवार को दौसा पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचा और अपनी पीड़ा सुनाई.

Updated on: 01 Jul 2020, 05:04 PM

नई दिल्ली :

Rajsthan: खाप पंचायत के फरमान के चलते समाज से बहिष्कृत हुआ एक परिवार बुधवार को दौसा पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचा और अपनी पीड़ा सुनाई. दरअसल इस परिवार को समाज के ही पंचों ने बहिष्कृत कर दिया और आसपास के क्षेत्र के दुकानदारों को भी पाबंद कर दिया कि यदि इस बहिष्कृत परिवार को किसी ने भी सामान उपलब्ध कराया तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा.

ऐसे में अब आसपास के दुकानदार भी पीड़ित परिवार को किसी भी प्रकार की सामग्री उपलब्ध नहीं करा रहे हैं जिसके चलते इस परिवार खूब खाने-पीने जैसी मूलभूत आवश्यकता भी सामग्री भी उपलब्ध नही हो पा रही है. महवा के चौधरी मोहल्ले में रहने वाले नौशाद कुरैशी के भाई की शादी आगरा निवासी रुबीना से हुई थी लेकिन दोनों के बीच मतभेद होने के कारण रुबीना ने आगरा थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया.वहीं न्यायालय में तलाक का केस भी चल रहा है.

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इसी बीच महवा के ही पंच पटेलों ने रुबीना के पक्ष में फैसले कराने की दबाव को लेकर पंचायत लगाई और पंचायत ने नौशाद के परिवार को समाज से बहिष्कृत कर दिया और आसपास के दुकानदारों को भी इस बात के लिए पाबंद किया गया कि बहिष्कृत हुए परिवार को किसी भी प्रकार की सामग्री उपलब्ध नहीं कराई जाए. ऐसे में कुछ दुकानदारों ने सामग्री उपलब्ध कराई तो उन पर जुर्माना भी लगा दिया.

खाप पंचायत के फरमान के चलते अब दुकानदार भी पीड़ित परिवार को जरूरत की सामग्रियां उपलब्ध नहीं करा रहे हैं इसका एक वीडियो भी पीड़ित परिवार के पास है जब पीड़ित परिवार का एक सदस्य बिरयानी के लिए एक ठेले पर गया तो वहां ठेला संचालक ने बिरयानी देने से मना कर दिया और कहा कि समाज से बड़ा कोई नहीं है. आपको समाज ने बहिष्कृत कर रखा है ऐसे में पहले समाज के पास जाइए, वे बिरयानी नही दे सकते है.

महुआ में यह खाप पंचायत 20 जून को हुई थी और तब से यह परिवार दर-दर की ठोकरें खा रहा है. खाने-पीने की सामग्री तक इस परिवार को उपलब्ध नहीं हो पा रही है.

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ऐसे में पीड़ित परिवार आज दौसा पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचा और वहां अपनी पीड़ा सुनाई. हैरान कर देने वाली बात यह है कि खाप पंचायत के खिलाफ 25 जून को महुआ थाने में एफआईआर के लिए प्रार्थना पत्र भी दिया गया था. लेकिन पुलिस ने पीड़ित परिवार की एफआईआर तक दर्ज नहीं की. इसके बाद पंच पटेलों ने पीड़ित परिवार के ऊपर हमला भी किया था जिसकी भी महुआ थाने में सूचना दी गई थी. ऐसे में खाप पंचायत की सूचना के बावजूद भी महुआ थाना पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं करना पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाता है.